एंग्री बर्ड्स की महफिल में देसी कॉमेडी सर्कस

नई दिल्ली    
हर पल ‘अता माझी सटकली’ मूड में रहने वाले पक्षियों की खुराफाती सुअरों से भिड़ंत आप साल 2016 की फिल्म ‘दि एंग्री बड्र्स मूवी’ में देख ही चुके हैं। ‘दि एंग्री बड्र्स मूवी 2’ में मामला जरा और दिलचस्प हो गया है, क्योंकि पक्षियों और सुअरों की दोस्ती हो गई है… इतना ही नहीं, इस अतरंगी दुनिया में कपिल शर्मा, अर्चना पूरन सिंह और कीकू शारदा जैसे कॉमेडी के महारथी भी शामिल हो गए हैं… अपने वॉइस ओवर के जरिये…  

थ्यूरप वैन ओरमैन निर्देशित इस फिल्म में पक्षियों के टापू पर रहने वाला सबसे गुस्सैल पक्षी रेड खुद को तीसमारखां समझता है। वह अपने दोस्तों चक और बॉम्ब के साथ गुलेलों की मदद से सुअरों के टापू पर निशाना लगा-लगा कर उन्हें मजा चखाता रहता है। उधर सुअरों का मुखिया लियोनार्ड भी आए दिन नए-नए गैजेट्स की मदद से पक्षियों की नाक में दम करता रहता है। इस बीच पक्षियों और सुअरों के टापुओं पर कोई बड़े-बड़े बर्फ के गोले फेंक-फेंक कर तबाही मचाने लगता है। पता लगता है कि पास ही एक तीसरा टापू भी है, जिसमें रहते हैं खूंखार बाज। इन बाजों की मुखिया है जेटा, जो अपने टापू के बर्फीले मौसम से परेशान है और पक्षियों-सुअरों को उनके टापुओं से भगाकर वहां कब्जा करना चाहती है। वह एक कुशल वैज्ञानिक है। जेटा के मंसूबों से निबटने के लिए पक्षियों और सुअरों को हाथ मिलाना ही पड़ता है। इस मिशन में चक की बहन सिल्वर को भी शामिल किया जाता है, क्योंकि वह इंजीनियरिंग की टॉपर है और बेहद बुद्धिमान है। इस बीच पता लगता है कि पक्षियों के टापू की हिफाजत करने वाला माइटी बाज दरअसल कई साल पहले जेटा का प्रेमी था और उसे शादी का वादा कर भाग गया था। फिल्म के बाकी हिस्से में पक्षियों और सुअरों की जेटा के बाजों से भिड़ंत होती है।

साइमन डन्सडन हर फ्रेम में कुछ न कुछ अनूठा परोसने में सफल रहे हैं, लिहाजा उनकी सिनेमेटोग्राफी की तारीफ करनी होगी। खलनायिका जेटा की एंट्री गजब की है। वह जिस तरह बर्फ की सिल्ली में जमी मछली को कांटे से खोद-खोद कर निकालती है, बर्फ में जमे अपने डॉगी को टहलाने ले जाती है और जमे हुए स्विमिंग पूल में फिसलते हुए तैरती है, उनकी हर हरकत तालियां बटोरती है! रंगबाज जेटा की दमदार आवाज बनी हैं अर्चना पूरन सिंह। यह किरदार फिल्म की जान है। कपिल शर्मा रेड की और कीकू शारदा लियोनार्डो की आवाज बने हैं।

पीटर एकरमन-इयाल पॉडेल कास्क्रीनप्ले गजब का है। एक वॉशरूम में पक्षियों और सुअरों के बाज से उसका आइडी कार्ड छीनने और अजगर से नन्हे चूजों की मुलाकात जैसे कुछ दृश्य और उनमें बोले गए संवाद लाजवाब हैं। कई संवाद तो फिल्म देखने के बाद भी देर तक याद रह जाते हैं, जैसे, माइटी बाज अपनी बेहोश बेटी को देखकर कहता है,‘बेटी, क्या तुम ठीक हो… बेटी, क्या तुम ठीक हो… मेरी दो मिनट पहले मिली हुई बेटी, क्या तुम ठीक हो?’ इसी तरह एक अन्य दृश्य में रेड, माइटी बाज से कहता है,‘ये तो बड़ा अच्छा तरीका है, तू लास्ट मिनट में आकर सारा क्रेडिट ले उड़ा!’

हीटर पेरीरा का संगीत जोशीला है, खास तौर पर फिल्म के अंत में फिल्माया गया गीत। फिल्म अपने अंदाज में यह संदेश भी देती है कि अकेले हीरो बनने के बजाए मिलकर काम करने से किस तरह हर मुश्किल का हल निकाला जा सकता है। छोटे बच्चों को यह फिल्म पसंद आने के बहुत सारी वजहें हैं। आप कैसे भी मूड में यह फिल्म देखने जाएं, थिएटर से मुस्कुराते हुए ही बाहर निकलेंगे।

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