ऋषभ पंत जैसे युवा तो ठीक, लेकिन महेंद्र सिंह धोनी हमेशा टीम के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे: कोहली

धर्मशाला 
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा कि महेंद्र सिंह धोनी ने हमेशा भारतीय क्रिकेट के हित को दिमाग रखा है और जहां तक उनके अंतरराष्ट्रीय भविष्य का संबंध है तो टीम प्रबधंन व उनकी राय समान ही है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय सीरीज पर कोहली ने माना कि 38 साल के धोनी जब तक खेलना जारी रखेंगे तब तक टीम के लिए ‘महत्वपूर्ण’ बने रहेंगे, भले ही टीम प्रबंधन ऋषभ पंत जैसे युवा को तैयार करता रहे। कोहली से जब पूछा गया कि क्या यह महान खिलाड़ी अगले साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले विश्व टी20 की योजनाओं में शामिल है तो उन्होंने कहा, ‘(धोनी) उनके बारे में एक बेहतरीन चीज है कि वह हमेशा भारतीय क्रिकेट के बारे में सोचते हैं। और हम (टीम प्रबंधन) जो भी सोचते हैं, उनकी राय भी यही रहती है। हमारे बीच सहमति रहती है। वह युवा खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के बारे में और उन्हें मौका देने के बारे में सोचते हैं और वह अब भी ऐसा ही सोचते हैं।’

धोनी की काबिलियत पर नहीं उठना चाहिए सवाल 
धोनी ने क्रिकेट से दो महीने का ब्रेक लिया है और वह रविवार से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरू हो रही टी20 अंतरराष्ट्रीय सीरीज का हिस्सा नहीं है। कोहली ने धोनी की आलोचकों को गलत साबित करने की काबिलियत के बारे में बताते हुए कहा, ‘देखिए, आपको यह बात पसंद हो या नहीं हो, अनुभव हमेशा ही मायने रखता है। मेरा मतलब है कि ऐसा कई बार हुआ है कि लोगों ने खिलाड़ियों से उम्मीद बंद कर दी और इन खिलाड़ियों ने लोगों को गलत साबित किया है।' 

धोनी अब भी टीम के लिए अहम 
साथ ही उन्होंने कहा, 'उन्होंने (धोनी) भी अपने करियर में कई बार ऐसा किया है। जब तक वह उपलब्ध हैं और खेलना जारी रखते हैं, वह हमारे लिए काफी अहम होंगे।’ उन्होंने कहा, ‘जब आप खेलना बंद करते हो तो यह बिलकुल ही व्यक्तिगत चीज होती है और किसी को अपनी राय नहीं रखनी चाहिए, मुझे ऐसा ही लगता है।’ 

चहल और कुलदीप पर यह बोले कैप्टन 
कोहली ने कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल के टी20 से बाहर करने को भी सही ठहराया, क्योंकि बल्ले से उनकी कमजोरी के कारण उन्हें कुछ अन्य विकल्प आजमाने के लिए बाध्य होना पड़ा। कप्तान ने कहा, ‘जिन खिलाड़ियों ने घरेलू प्रारूप, टी20 प्रारूप और आईपीएल में भी अच्छा किया है, उन्हें मौका देने का भी यह एक कारण है। इसलिए मुझे लगता है कि यह एक संयोजन पर अडिग रहने की नहीं बल्कि बेहतरीन संतुलन ढूंढने की बात है। अगर पूरी दुनिया की टीमें 9वें, 10वें नंबर पर बल्लेबाजी कर रही हैं तो हम क्यों नहीं।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *