ऊर्जा विभाग की रिपोर्ट का खुलासा, छिंदवाड़ा में भी अफसरों-कर्मचारियों की लापरवाही से ट्रिपिंग

छिंदवाड़ा
मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा को भी बिजली कम्पनी के अफसरों और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते ट्रिपिंग से दो चार होना पड़ा है। इसका खुलासा ऊर्जा विभाग की रिपोर्ट में हुआ है। इसकी जानकारी सामने आने के बाद ऊर्जा विभाग के अफसरों ने ट्रिपिंग पर सख्त एक्शन लेने के निर्देश दिए तब जाकर स्थिति काबू में की जा सकी थी। इसका खुलासा बिजली कम्पनी की रिपोर्ट में हुआ है।

सीएम के गृह जिले छिंदवाड़ा में पांच बार से अधिक ट्रिपिंग की रिपोर्ट लेने के बाद अफसरों को पता चला कि 34 फीडरों में ऐसा हुआ है। साथ ही यह बात भी सामने आई कि वितरण कम्पनी द्वारा दी गई ट्रिपिंग की जानकारी और वेब स्काडा में फीड जानकारी में भी अंतर है। दस बार से अधिक ट्रिपिंग की जांच में यह खुलासा हुआ है कि छिंदवाड़ा में 71 ऐसे फीडर पर सप्लाई बाधित होती रही है।

विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक शटडाउन की समीक्षा में पता चला कि नरसिंहपुर, डिंडोरी में अनप्लांड शटडाउन काफी अधिक थे। मनमाने ढंग से फीडर बंद किए जा रहे थे। इसलिए ऐसे फीडर और कर्मचारियों की पहचान करने के लिए अफसरों को निर्देशित किया गया। पांच बार से अधिक ट्रिपिंग नरसिंहपुर और सिवनी में भी हुई है। दोनों ही जिलों में 27-27 फीडरों पर सप्लाई बंद होने की स्थिति बनी थी। इसके अलावा सिवनी जिले में 98, कटनी में 125 फीडर पर दस से अधिक बार ट्रिपिंग की स्थिति बनी।

रिपोर्ट के मुताबिक सागर रीजन में सागर में 5 बार से अधिक ट्रिपिंग 31 फीडर, दमोह में 25, छतरपुर में 14 फीडर पर दर्ज की गई है। दस से अधिक बार ट्रिपिंग वाले जिलों में सागर में 165 फीडर, टीकमगढ़ में 87, पन्ना में 76 फीडर पाए गए हैं। इसी तरह की स्थिति पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के इंदौर और उज्जैन संभाग तथा मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के भोपाल, होशंगाबाद और ग्वालियर संभागों में भी सामने आने पर बिजली कम्पनियों के अफसरों पर एक्शन के निर्देश सरकार को देना पड़े थे, तब जाकर ट्रिपिंग की स्थिति को काबू में किया जा सका था।

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