उपचुनाव से पहले छिंदवाड़ा विकास पैकेज की फाइल खोली शिवराज सरकार ने
भोपाल
शिवराज सरकार छिंदवाड़ा फाइल खोलने जा रही है. ये बीजेपी (BJP) की बड़ी प्लानिंग का हिस्सा है ताकि उपचुनाव से पहले छिंदवाड़ा के बहाने कमलनाथ को घेरा जा सके और कांग्रेस को मैदान में उतरने से पहले ही चारों खाने चित्त किया जा सके. सरकार कमलनाथ के निर्वाचन क्षेत्र छिंदवाड़ा पैकेज की फाइल खोल रही है.
बीजेपी पूर्व सीएम कमलनाथ और कांग्रेस को घेर रही है. शिवराज सरकार छिंदवाड़ा पैकेज की फाइल को खोलेगी. कांग्रेस सरकार के आखिरी 6 महीने के फैसलों की जांच के लिए बने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने इस पैकेज की फाइल को अलग किया है. फाइल खोलने के मुद्दे पर बात करते हुए कैबिनेट मंत्री कमल पटेल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकार के दौरान 100 में से 75 फीसदी बजट सिर्फ छिंदवाड़ा पर खर्च कर दिया गया. बात चाहे ढोर चराने के ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट की हो या बैंड बजाने के ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट की. यह सब छिंदवाड़ा में खोल दिए गए. बीजेपी सरकार अब इन सब की जांच करेगी और अगर विकास कार्यों की मंजूरी नियम विरुद्ध दी गई होगी तो फिर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.
ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने क्या किया ?
शिवराज सरकार ने कमलनाथ सरकार के आखिरी 6 महीने के कार्यकाल के दौरान लिए गए फैसलों और नियुक्ति की जांच के लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स बनाया है. इसमें गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, कृषि मंत्री कमल पटेल और जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट को शामिल किया गया है. ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने अधिकारियों से 6 महीने के दौरान लिए गए फैसलों की फाइल तलब की है. तब हुए जल संसाधन समेत कई टेंडर प्रक्रियाओं को रोक दिया है. ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स का दावा है कि कांग्रेस सरकार के दौरान किसान कर्ज माफी में भी घोटाला किया गया.
कांग्रेस का पलटवार
जांच के इन बिंदुओं के सामने आने के बाद अब कांग्रेस ने पलटवार किया है. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि उसे व्यापम और ई- टेंडर में हुए घोटाले की भी जांच करनी चाहिए. यह जो भी कार्रवाई की जा रही है वह उपचुनाव को देखते हुए की जा रही है. जनता इन सब का चुनाव के दौरान जवाब देगी.