उपकरण तो घर से लाते हैं, तो आयुष्मान के ऑपरेशन कैसे करें

ग्वालियर 
आयुष्मान बीमा योजना के मरीजों का ऑपरेशन करने के लिए आप पहले उपकरण तो उपलब्ध करवाएं। क्योंकि अभी तो हम घर से अपने उपकरण लेकर आते हैं, तब मरीजों के ऑपरेशन होते हैं। जबकि शासन की योजना है तो उपकरणों की डिमांड तो की जाना चाहिए।

यह बात जिला अस्पताल मुरार के डॉक्टरों ने सिविल सर्जन डॉ. वीके गुप्ता से कही। दरअसल सिविल सर्जन ने अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए डॉक्टरों के सुझाव एवं समस्याएं जानने के लिए बैठक रखी थी। जिसमें डॉक्टरों ने यह बात कही है। सिविल सर्जन ने कहा कि मैं अकेला पड़ गया हूं, आप लोग मेरा सहयोग करें।

बैठक में मेडिसिन विभाग के डॉ. डीके शर्मा ने कहा कि किमोथैरेपी में 4 प्रकार की दवाओं की जरूरत पड़ती है, तीन तो हमारे यहां हैं, जबकि एक नहीं है। मरीज को यहां-वहां से जुगाड़ करके लाना पड़ता है। इस दवाई की व्यवस्था की जाए। सिविल सर्जन ने कहा कि आपको जल्द ही दवाई उपलब्ध करवा दी जाएगी। एक चिकित्सक ने बताया कि पेट दर्द में काम आने वाला रेमीकडीन इंजेक्शन अक्सर कैजुअल्टी में नहीं मिलता है। जिससे मरीज के उपचार में दिक्कत आती है। जब स्टोर इंचार्ज को बुलाया गया तो उसने बताया कि इंजेक्शन तो हमारे यहां मौजूद है। इस पर सिविल सर्जन ने कहा कि यदि इंजेक्शन है तो कैजुअल्टी में उपलब्ध करवाओ। ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. सुनील शर्मा ने सुझाव दिया कि मेडिसिन विभाग में ग्लूकोमीटर रखवाया जाए, जिससे कोई भी मरीज यदि आता है तो इलाज शुरू करने से पहले उसकी शुगर जांच की जा सके। सिविल सर्जन ने कहा कि इसकी व्यवस्था करा दी जाएगी।

सिविल सर्जन डॉ. वीके गुप्ता ने जिला अस्पताल मुरार की ओपीडी का निरीक्षण किया। इस दौरान सर्जरी विभाग के डॉ. एसआर शर्मा एवं आर्थोपैडिक के डॉक्टर मौजूद नहीं थे। जबकि बाहर मरीजों की भीड़ लगी थी। जानकारी ली तो पता चला कि डॉ. एसआर शर्मा के पांच ऑपरेशन हैं इसलिए वे ओटी में हैं, आर्थोपैडिक डॉक्टर भी ओटी में हैं। इसके चलते सिविल सर्जन ने खुद ही सर्जरी विभाग में बैठकर मरीजों का चेकअप किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *