उद्योग बंद होने से युवा हुए बेरोजगार, अब कमलनाथ सरकार ने जगाई उम्मीद

मध्यप्रदेश के देवास के औद्योगिक नगर में कई फैक्ट्रियों के बंद होने से बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार हो रहे हैं. यहां की बेशकीमती जमीनों पर बड़े उद्योगपतियों का कब्जा है, जिसके चलते करीब 100 एकड़ से अधिक जमीन 15 साल से बेकार पड़ी है. नई सरकार के गठन के बाद युवाओं को यहां नए उद्योग स्थापित होने की उम्मीद जाती है. हाल ही में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बेकार पड़ी भूमि को अधिग्रहण कर नए उद्योग स्थापित करने के संकेत दिए हैं.

दरअसल, देवास में रोजगार को लेकर पिछले कई सालों से युवा परेशान हैं. बेरोजगारी को लेकर अब तक कोई कार्ययोजना मध्यप्रदेश में नहीं बन पाई. औद्योगित क्षेत्र में कई नामचीन कंपनियां वर्तमान में बंद पड़ी है. गजरा बेवल गियर्स, बीरानी ग्रुप, चामुंडा मिल्स, स्टील ट्यूब्स, हिंद सिंटेक्स, मधुसोया देवास सूटिंग जैसी बड़ी कंपनियां बद होने से हजारों मजदूर भी बेरोजगार हो गए हैं. अधिकांश लोग ठेकेदारी प्रथा में कार्य कर रहे हैं. देवास के औद्योगिक नगर की बेशकीमती जमीनों पर अभी भी इन कंपनियों का कब्जा है. वित्तिय मामले होने के कारण श्रम विभाग उतना सहयोग नहीं कर पाता, जितना विभाग से उम्मीद होती है.

बेशकीमती करोड़ों की जमीन अब औद्योगिक क्षेत्र में वीरान पड़ी है. जमीनों को लेकर नई कांग्रेस सरकार ने जरूर कुछ उम्मीद युवा वर्ग और मजदूरों में जगाई है. कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के बंद उद्योग व क्षेत्र में खाली भूमियों को अधिग्रहित कर नए उद्योगों को स्थापित करने के संकेत दिए  हैं. अगर ऐसा होता है तो निश्चित ही इस क्षेत्र में सालों से वीरान पड़ी जमीनों का उद्धार होगा और युवाओं को रोजगार मिल सकेगा.

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