उत्तर प्रदेश में उपद्रवियों ने चुकाए 80 हजार

प्रयागराज
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के दौरान हुई हिंसा के आरोपियों के पोस्टर हटाने के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट से योगी सरकार को राहत मिल गई है। हाई कोर्ट ने सरकार को 10 अप्रैल तक की मोहलत दी है। वहीं कानपुर में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के 21 आरोपियों में से 6 ने रिकवरी नोटिस के बाद 80 हजार रुपये की भरपाई कर दी है।

बता दें कि सोमवार को राज्य सरकार ने अर्जी दाखिल की थी। इसमें अनुपालन रिपोर्ट पेश करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में लंबित अपील का हवाला देकर अतिरिक्त समय मांगा गया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सभी आरोपियों के पोस्टर हटाने का आदेश दिया था। साथ ही 16 मार्च तक हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष अनुपालन रिपोर्ट पेश करने को कहा था लेकिन प्रदेश सरकार इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई।

सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने का दिया था हवाला
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाई और मामला बड़ी बेंच को ट्रांसफर कर दिया। पोस्टर हटाने की समय-सीमा खत्म होने के बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने का हवाला देकर और वक्त मांगा था। हाई कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई 10 अप्रैल को होगी।

सरकार को अवमानना की कार्रवाई से राहत
चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा, 'इस स्टेज में हम मानते हैं कि अनुपालन रिपोर्ट करने के लिए समय-सीमा बढ़ाकर 10 अप्रैल तक करना उचित रहेगा।' यूपी सरकार को मिली इस समय-सीमा को राहत के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि सरकार पर अवमानना की कार्रवाई का खतरा मंडरा रहा था।

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