ईद पर कर्फ्यू में ढील देकर लोगों का ‘मूड’ भांपेगी केंद्र सरकार!

नई दिल्ली 
जम्मू-कश्मीर में आगामी 12 अगस्त को पड़ने वाले ईद-उल-अजहा और उससे पहले शुक्रवार की नमाज के मद्देनदर कर्फ्यू में ढील दी जा सकती है। आर्टिकल 370 के प्रावधानों को हटाने के बाद घाटी में यह पहला मौका होगा जब राज्य प्रशासन और केंद्र सरकार कश्मीरी लोगों की प्रतिक्रिया को भांपने की कोशिश करेगी। इस दौरान सरकार यह जानने की कोशिश करेगी कि कश्मीरियों का 'मूड' क्या है? 

फिलहाल, राज्य प्रशासन के साथ मिलकर केंद्र सरकार घाटी स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है। इस मद्देनजर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवाल ने घाटी की स्थिति की जमीनी हकीकत जानने के लिए वहां का दौरा भी किया। डोवाल ने यहां राज्यपाल सत्यपाल मलिक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मीटिंग भी की। 

हालांकि, घाटी से सुरक्षा तैनाती को ढील देने के लिए निर्धारित किसी समय-सीमा के बारे में अंदाजा अभी नहीं लगाया जा सकता। सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार को जुमे की नमाज के मद्देनजर धारा 144 के तहत लागू कुछ प्रतिबंधों में ढील दी जा सकती है। वहीं 12 अगस्त को ईद-उल-अजहा भी है। ऐसे में इन मौकों पर सुरक्षा प्रतिबंधों में ढील देकर घाटी के लोगों के मूड का आकलन करने की कोशिश सरकार कर सकती है। 

हालांकि, इसके बावजूद इंटरनेट सेवाओं और फोन्स के इस्तेमाल पर प्रतिबंध को फिर भी नहीं हटाया जा सकता है क्योंकि इनका इस्तेमाल अलगाववादी समूह अफवाह फैलाने और स्थानीय लोगों को पत्थरबाजी या प्रोटेस्ट के लिए उकसाने में कर सकते हैं। गौरतलब है कि आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद लागू प्रतिबंधों के बावजूद कुछ इलाकों खासकर श्रीनगर में पत्थरबाजी और झड़प की घटनाएं देखने को मिली थीं। 

हालांकि, अभी तक अधिकारियों ने यहां हालात स्थिर और संतोषजनक बताया है। घाटी में सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार काफी करीब से नजर बनाए हुए है और इसके साथ ही घाटी और दक्षिण कश्मीर में लोगों के मूड की भी सावधानीपूर्वक निगरानी कर रही है। 
 

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