इस परिवार के पास मेट्रो की हर लाइन का ‘फर्स्ट कार्ड’ , ऐक्वा लाइन मिलाकर 30वां

नोएडा
शनिवार को ग्रेटर नोएडा मेट्रो में हजारों लोगों ने पहला सफर किया, लेकिन दिल्ली के अक्षित मारवाह और उनकी पत्नी अंकिता के लिए यह बेहद खास था। यह 30वीं बार था जब उनके परिवार ने किसी मेट्रो लाइन की फर्स्ट राइड का कार्ड लिया हो। कड़कड़ाती ठंड में 26 जनवरी की सुबह दोनों नोएडा के सेक्टर 51 पहुंचे और टिकट काउंटर पर लंबी लाइन में लगे। एनएमआरसी की ऐक्वा लाइन की पहली राइड के लिए उन्होंने कार्ड खरीदे।

यह मारवाह परिवार की परंपरा रही है, जो अक्षित के पिता अनिल ने शुरू की थी। अनिल जापान एयरलाइन्स के लिए काम करने वाली एक एजेंसी में बतौर जनरल मैनेजर(सेल्स) काम करते थे। अनिल का दावा है कि उन्होंने 25 दिसंबर 2002 को दिल्ली मेट्रो की पहली राइड का कार्ड लिया था, जो शाहदरा से तीस हजारी तक चली थी। उस दिन को याद करते हुए अक्षित बताते हैं कि घने कोहरे में वह अपने पिता के साथ वसंत कुंज से शाहदरा पहुंचे थे और कार्ड लिया था।

काम के सिलसिले में अनिल बेंगलुरु में हैं और उन्होंने ऐक्वा लाइन का पहला कार्ड लेने का काम अपने बेटे अक्षित को सौंपा था, ताकि परिवार का रेकॉर्ड न टूटे। अनिल ने टीओआई को बताया, 'रेकॉर्ड की कोशिश का कोई प्लान नहीं था। जब कलेक्शन बढ़ता चला गया तो मैंने सोचा कि मुझे मेट्रो लाइनों की पहली राइड करनी चाहिए। मैंने यह सोचा भी नहीं था कि मैं कोई रेकॉर्ड बना रहा हूं।' अब इस परिवार के पास कुल 30 फर्स्ट राइड कार्ड इकट्ठा हो गए हैं, जिनमें शहादरा से त्रिनगर, इंद्रलोक से रिठाला भी शामिल हैं।

अक्षित बताते हैं, 'जब 23 फरवरी 2011 को एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन शुरू हुई थी, तब वह अपने पिता के साथ कार्ड खरीदने के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन गए थे।' हालांकि शनिवार को वह अपनी पत्नी अनीता के साथ नोएडा पहुंचे। अक्षित माइनिंग कंपनी रियो टिंटो में काम करते हैं और उनकी पत्नी गुड़गांव स्थित नानडॉस में एचआर एग्जिक्यूटिव हैं।

मारवाह परिवार ने अपनी इस उपलब्धि के सर्टिफिकेट के लिए लिमका बुक ऑफ रेकॉर्ड्स में आवेदन दिया है। अनिल ने कहा, 'मेरे बेटे ने सपॉर्टिंग डॉक्युमेंट्स के साथ हमारी एंट्री भेज दी है। हमें खुशी है कि हमारी एंट्री स्वीकार कर ली गई।'

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