इस्तीफे देने के एक माह बाद निजी विवि आयोग के कार्यमुक्त हुए अध्यक्ष पांडे, शासन और राजभवन नहीं तलाश सका उम्मीदवार
भोपाल
निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष अखिलेश कुमार पांडे को मंगलवार को कार्यमुक्त कर दिया गया है। कार्यमुक्त होने के बाद शासन और राजभवन नये अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं कर सकता है। वहीं पांडे का मूल पद रानी दुर्गावति विश्वविद्यालय जबलपुर में प्रोफेसर के रूप में हैं। जहां वे अब अपनी आमद दर्ज कराएंगे।
जबकि अध्यक्ष पांडे एक मार्च को अपने पद से इस्तीफा दे चुके थे, जिसे राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने आठ मार्च को स्वीकृत कर लिया था। 25 दिनों में शासन योग्य उम्मीदवार का चयन कर अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं कर सका है। अब नये अध्यक्ष की नियुक्ति तक आयोग सूना बना रहेगा। जबकि उन्हें इस्तीफा दिए पूरा एक माह हो चुका है।
अध्यक्ष पांडे के इस्तीफा स्वीकृत होने के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने प्रभारी के तौर अपने व्यक्ति को अध्यक्ष बनाने की फाइल चलाते हुए चयन प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी। इस्तीफा होने पर शासन छह छह माह के लिए अध्यक्ष नियुक्त कर सकता है। इसलिए शासन ने अपने व्यक्ति का चयन कर फाइल को राज्य निर्वाचन आयोग भेज दी है।
आयोग ने भी विभाग की फाइल पर ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई है। वहीं मुख्य सचिव आरएस मोहंती ने आयोग सदस्य स्वराज पुरी को अध्यक्ष का प्रभार देने के नोटशीट लिखी विभाग भेज दी थी। विभाग के आदेश में सीएस मोहंती की नोटशीट पर कोई खास असर दिखाई नहीं पड़ा है। शासन ने अध्यक्ष पांडे को मुक्त करने के आदेश दिए हैं। ये प्रभार किसे दिया जाए। इस संबंध में आदेश में नहीं लिखा गया है। इसलिए पांडे कार्यमुक्क्त होकर सीईओ को सूचित कर दिया है। वहीं अध्यक्ष का प्रभार लेने के लिए आयोग सदस्य व प्रभारी सचिव काफी प्रयासरत रहे हैं।
इस्तीफा देने होने से पड़ रहा था बुरा असर
पांडे के कार्यमुक्त होने के बाद उन्हें आरडीविवि में अपना पद ग्रहण करना था, लेकिन शासन उन्हें कार्यमुक्त नहीं कर रहा था। वहीं दूसरी तरफ वे अपने कार्यालय पहुंच जरुर रहे थे, लेकिन वे कार्यों में अपनी रूचि नहीं दिखा रहे थे। इससे उनका उपयोगिता आयोग में सिद्ध नहीं हो रही थी। इसलिए शासन ने उन्हें आरडीविवि के लिए कार्यमुक्त कर दिया है।