इन सीटों पर कांग्रेस की हार का कारण बनी बीएसपी, यहां मिले लाखों वोट

भोपाल
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और बीएसपी के बीच गठबंधन नहीं होने से कांग्रेस को बड़ा नुकसान पहुंचा है। प्रदेश की कुल 29 सीटों में से बीजेपी ने इस बार 28 पर जीत हासिल की और वोटिंग प्रतिशत भी पार्टी का बड़ा है। वहीं, बीएसपी ने कांग्रेस हरवाने में अहम रोल अदा किया है। प्रदेश की 25 सीटों पर बीएसपी ने चुनाव लड़ और इनमें से मुरैना, सतना, रीवा, भिंड और बालाघाट लोकसभा संसदीय क्षेत्र में काफी वोट पाने में कामयाब हुई। प्रदेश की 25 पर कुल 9 लाख से अधिक वोट बीएसपी के खाते में गए। 

मंडला से सपा या बसपा के किसी भी उम्मीदवार ने चुनाव नहीं लड़ा। संख्या के हिसाब से देखें तो ऐसा लगता है कि रामनिवास रावत मुरैना में बसपा के कारण हार गए क्योंकि बीएसपी उम्मीदवार करतार सिंह भड़ाना को 1,29,380 मत मिले और रावत 1,13,341 मतों से चुनाव हार गए। अगर रावत इन वोटों को हासिल करने में कामयाब हो जाते तो वह चुनाव जीत सकते थे।

दूसरी सीट है सतना जहां बीएसपी ने कांग्रेस से बेहतर प्रदर्शन किया और बीएसपी उम्मीदवार आँचल कुशवाहा को 1,09,961 वोट मिले। रीवा से विकास सिंह पटेल को 91,126 वोट मिले, बालाघाट से कंकर मुंजारे को 85,177 वोट मिले और भिंड से बाबूलाल जामौर को 66,613 वोट मिले। कहा जाता है कि राज्य उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती निर्वाचन क्षेत्रों में सपा और बसपा की राजनीतिक विचारधारा का प्रभाव है। सपा और बसपा का प्रभाव भिंड, मुरैना और सतना में दिखाई दे रहा है। जबकि कई निर्वाचन क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ इन दलों का 2019 के चुनाव में कोई प्रभाव नहीं पड़ा। इंदौर में दीपचंद अहिरवाल को 8,666, मंदसौर में प्रभुलाल मेघवाल को 9703 और भोपाल में बसपा प्रत्याशी माधोसिंह अहिरवार को 11,277 वोट मिले।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *