इन टिप्स की मदद से बरकरार रखें सब्जियों की पौष्टिकता

सब्जियों से हमारे शरीर को विटामिन, खनिज और दूसरे तत्व मिलते हैं, लेकिन जाने अनजाने हम सब्जियों की पौष्टिकता को नष्ट या कम कर देते हैं। सब्जियों को छीलने, काटने और पकाने का यदि सही ढंग न अपनाया जाए, तो उनकी पौष्टिकता कम हो सकती है, कई बार नष्ट भी हो जाती है। सही तरीका अपनाकर सब्जियों से अधिक से अधिक पोषण पाया जा सकता है।

अच्छी सेहत के लिए पौष्टिक आहार जरूरी है। खाने की टेबल तक पहुंचने से पहले खाद्य पदार्थों को एक निश्चित प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जिसमें होने वाली गलतियों के कारण खाने की पौष्टिकता कम हो जाती है। खासकर सब्जियों की पोषकता काफी घट जाती है। सब्जी पकाते, छीलते और काटते समय विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि हमें सब्जियों से अधिकतम पोषण मिल सके। खासकर सब्जियों को पकाते समय बहुत सावधानी रखनी चाहिए, क्योंकि इस दौरान सब्जियों की पूरी पौष्टिकता भी खत्म हो सकती है।

कच्ची सब्जी बेहतर
डॉ. सिंह कहती हैं कि कच्चे फल और सब्जी ज्यादा फायदेमंद होते हैं। सब्जियों को ज्यादा उबालने, देर तक पकाने, तलने-भुनने या सुखाने से इनमें मौजूद पौष्टिकता कम या नष्ट हो जाती है। सब्जियों को पकाने से सबसे ज्यादा असर इनमें मौजूद विटामिन सी और बी पर पड़ता है। इसलिए इन्हें कच्चा ही खाना ज्यादा फायदेमंद होता है।

सब्जी को धोना और भिगोना
सब्जियों को छीलने और काटने से पूर्व भली-भांति धो लेना चाहिए। उनके छिलके कम-से-कम उतारने चाहिए। सब्जियों को कुछ देर पानी में डुबो कर भी रख सकते हैं, क्योंकि इससे उन पर से हानिकारक कीटनाशकों का प्रभाव कम किया जा सकता है। कभी भी सब्जियों को काटकर न धोएं। काटकर धोने या भिगोने से सब्जियों के अधिकांश पोषक तत्व पानी में घुलकर बह जाते हैं। सलाद को भी काटकर धोने से विटामिन नष्ट हो जाते हैं। इसलिए सलाद धोकर रखें और खाने से तुरंत पहले काटें।

सब्जियां छीलें, मगर ध्यान से
सब्जियों और फलों को काटने और छीलते समय विशेष ध्यान देना चाहिए। जैसे आलू में विटामिन सी की अधिकांश मात्रा उसके छिलके  केठीक नीचे होती है। अगर हम आलू के मोटे छिलके उतारेंगे, तो विटामिन सी काफी कम हो जाएगा। इसी तरह गाजर के छिलकों में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, रिबोफ्लेविन और थियामिन पर्याप्त मात्रा में होते हैं। अच्छी तरह धो-पोंछकर और ऊपर के रेशों को उतारकर कच्ची गाजर खा सकते हैं। सब्जियों को काटें और तुरंत पका लें।

संभल कर उबालें
सब्जियों को अधिक उबालने से उनमें एस्कोर्बिक एसिड की मात्रा कम हो जाती है और कैल्शियम भी नष्ट हो जाता है। खुले बर्तन जैसे कढ़ाई, पतीले में सब्जी-दाल बनाने से ईंधन अधिक खर्च होता है और पौष्टिक तत्व भी नष्ट होते हैं। वहीं प्रेशर कुकर में दाल, सब्जी बनाने से पौष्टिक तत्व काफी कम नष्ट होते हैं और खाना भी जल्दी बनता है।

भाप में पकाएं
स्टीम्ड यानी भाप में पकी सब्जियों में पौष्टिकता की मात्रा भरपूर रहती है। बंदगोभी, ब्रोकली, मटर, गाजर, बींस आदि को थोड़े से पानी में डालकर ढककर आंच कम कर पकाया जाए तो सब्जी बहुत हल्की और पौष्टिक बनती है।

समय का ख्याल
सब्जी को देर तक पकाने से भी पौष्टिक तत्व नष्ट होते हैं। बेहतर यही है कि सब्जी को उतनी ही देर तक पकाएं, जितनी जरूरी हो।

काम की बातें
दूध फट जाए या पनीर बनाने के लिए दूध को फाड़ें, तो उसके पानी को फेंकें नहीं। सब्जी पकाते समय उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
पीतल, तांबा और लोहे के बर्तन अधिकांश सब्जियों की पौष्टिकता को बढ़ाते हैं, जबकि अल्यूमीनियम और जस्ता वाले बर्तनों में पका खाना उचित नहीं होता, क्योंकि इन धातुओं के एसिड घुलनशील होते हैं।
सरसों तेल, ऑलिव आयल, सूर्यमुखी तेल या चावल ब्रान से बने तेल में सब्जी बनाएं। थोड़ी मात्रा में देसी घी का भी प्रयोग कर सकते हैं।
सब्जियों को पकाने से पहले पानी में ज्यादा देर तक न भिगोएं, इससे पोषक तत्व पानी में घुलकर नष्ट हो जाएंगे।
सब्जियों को कम पानी में पकाएं, पानी की मात्रा जितनी कम होगी, उतने ही कम पोषक तत्व नष्ट होंगे।
हरी पत्तेदार सब्जियों को काटने से पहले ही धो लें, क्योंकि इनमें मौजूद विटामिन और मिनरल पानी में घुलनशील होते हैं।
सब्जियों को ढक कर पकाएं, पोषक तत्व सुरक्षित रहेंगे।
जिस तेल में कोई चीज तली जा चुकी हो उसका फिर प्रयोग न करें।
फ्रिज में सब्जी की मात्रा उतनी ही रखें, जितनी आप एक दिन में खर्च कर सकें।
सप्ताह भर की सब्जियां फल खरीद कर न रखें।
मसालों का प्रयोग कम करें।
सब्जी को बार-बार गर्म करने से बचें।  
हमेशा ताजी और मौसमी सब्जियों का ही इस्तेमाल करें।
सब्जियों को काटकर कभी न धोएं, इससे विटामिन बी और सी नष्ट हो जाते हैं।

कैसे पकाएं
पालक : ज्यादा देर तक पकाने से पालक का 64 प्रतिशत विटामिन सी नष्ट हो जाता है। इसलिए इसे ढक कर 2-3 मिनट से ज्यादा न पकाएं। पालक में आयरन काफी होता है, लेकिन इसमें अक्सेलिक एसिड भी काफी मात्रा में होता है, जो आयरन के अवशोषण को रोकता है। पालक को काटने से पहले पानी में भिगो दें और अच्छे से धो लें। पकाते समय इसमें अलग से पानी न डाले।

बैंगन : बैंगनी रंग की इस सब्जी को एंटीऑक्सिडेंट का पावर हाउस माना जाता है। इसीलिए आपको खूब गहरे बैंगनी रंग का बैंगन चुनना चाहिए। बैंगन की सब्जी बनाने के दौरान इसको छिलके सहित ही काटें। इससे यह स्वादिष्ट भी लगेगी और पौष्टिक भी होगी।

खीरा : इसको ज्यादातर सलाद में कच्चा ही खाना चाहिए। खीरे में बहुत ही कम कैलोरी पाई जाती है, इसलिए जो लोग डायटिंग कर रहें हों, उनके लिए यह अच्छा माना जाता है। इसका छिलका भी काफी पौष्टिक होता है। इसमें घुलनशील फाइबर पाए जाते हैं और यह भी माना जाता है कि यह पेट के कैंसर का प्राकृतिक इलाज है।

शिमला मिर्च : शिमला मिर्च में भारी मात्रा में विटामिन-सी पाया जाता है। शिमला मिर्च को 375 डिग्री से ज्यादा आंच पर पकाने से इसमें मौजूद सभी पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। इसलिए इसे हल्का पकाकर या कच्चा ही खाएं।

शलगम : यह काफी रंगीन सब्जी है, जिसमें पोषक तत्व और एंटी-ऑक्सिडेंट काफी मात्रा में पाए जाते हैं। इसे कच्चा खाना बेहतर है, वरना थोड़ा पका कर भी खाया जा सकता है। लेकिन इसे ज्यादा नहीं पकाएं।

ब्रोकली : इसमें विटामिन सी और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही इसमें सल्फोराफेन नामक अवयव भी पाया जाता है, जो ब्लड प्रेशर को कम कर दिल की बीमारियों को दूर रखने में मददगार है। इस बात का ध्यान रखें कि इसको उबालने या पकाने से इसमें मौजूद सल्फोराफेन 70 फीसदी तक कम हो जाता है।

करेला : कड़वा करेला औषधीय गुणों और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। भाप में कम मसालों के साथ पका कर इसे खाना बेहतर है। कुछ लोग सब्जी बनाने के लिए इसे उबाल लेते हैं इसकी पौष्टिकता काफी कम हो जाती है।

कद्दू : कद्दू परिवार की ज्यादातर सब्जियों के छिलकों में जिंक अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसे अच्छी त्वचा और नाखूनों के लिए आवश्यक माना जाता है। इसके अलावा इसके छिलके में पाया जाने वाला बीट कैरोटीन भी हृदय रोग और कैंसर से बचाता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप जब भी कद्दू बनाएं, तो उसके छिलकों के साथ ही बनाएं और इसको बहुत गलने तक न पकाएं।

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