इन उपायों को करने से दूर हो सकते हैं घर के वास्तु दोष

ऐसा माना जाता है कि वास्तु दोष के कारण परिवार के सदस्यों को कई बार बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि व्यक्ति को जो कष्ट होता है तो वह अपने कष्ट को जान नहीं पाते और दोष अपनी किस्मत को देते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप अपने कष्ट को पहचानकर ये जान सकते हैं कि कौन सा वास्तु दोष किस दिशा में हो सकता है। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में-

वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर घर का मालिक या मालकिन हमेशा बीमार हो तो इसका कारण नैर्ऋत्‍य कोण का नीचा होना हो सकता है। अगर इस दिशा में कोई जल स्रोत हो तो उसे बंद करवा देना चाहिए। 

घर में आमदन से ज्यादा खर्च हो रहा हो तो इसका कारण उत्तर दिशा में गंदगी हो सकती है। इसके लिए घर की उत्तर दिशा में माता लक्ष्मी की प्रतिमा या श्री यंत्र लगाना चाहिए। 

घर में क्‍लेश का प्रमुख कारण आग्‍नेय कोण, जिसका स्‍वामी शुक्र होता है। ध्‍यान रहे कि इस कोण में पानी का कोई स्रोत नहीं होना चाहिए और यह कोण नैऋत्‍य कोण से नीचा होना चाहिए। आग्‍नेय कोण में रसोई को स्‍थापित करना सबसे उत्तम माना जाता है।

अगर घर में कोई बच्चा नहीं हो, बहुत कोशिशों के बाद भी अगर मां-बाप बनने का सुख नहीं मिल रहा तो इसकी वजह पूर्व दिशा में वास्तु दोष हो सकता है। शास्त्रों में वंश वृद्धि के प्रमुख देवता सूर्य हैं और वह पूर्व दिशा के स्‍वामी है तो इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि इस दिशा में किसी तरह की कोई गंदगी न हो। 

मन की शांति के देवता गुरु हैं तो ईशान कोण का स्‍वामी है। यदि ईशान कोण दूषित होता है तो मन अशांत रहता है। आपका मन शांत रहे और पूजा-पाठ में लगे, इसके लिए ईशान कोण की ओर मुख करके ध्‍यान करना चाहिए।

अगर आपके घर के ब्रह्म स्‍थल में कोई दोष होता है तो आपका कोई काम समय से नहीं हो पाता है और व्‍यवधान उत्‍पन्‍न होते हैं। जीवन में सफलता पाने के लिए ब्रह्म स्‍थल को खाली और साफ-सुथरा रखें।

ऐसा माना जाता है कि सुख-समृद्धि में कमी आने का कारण दक्षिण दिशा में दोष हो सकता है। तो ऐसे में इस दिशा पर कोई भारी समान रखा जा सकता है। 

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