इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं? जान लें ये जरूरी बातें

 
एक समय था, जब म्यूचुअल फंड में निवेश करना सिर्फ माहिर निवेशकों के वश की ही बात थी। आज की तारीख में म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट प्रॉडक्ट्स, अलग-अलग कैटिगरी के कुछ सबसे लोकप्रिय निवेश साधन हैं। एक म्यूचुअल फंड में आपको अन्तर्निहित एसेट क्लास के रूप में इक्विटी, डेट, गोल्ड इत्यादि में निवेश करने का मौका मिलता है। इक्विटी म्यूचुअल फंड को उनके रिस्क एक्सपोजर, उधारकर्ता की रिटर्न संबंधी उम्मीद और एसेट मैनेजमेंट कंपनी के इन्वेस्टमेंट फोकस के आधार पर अलग-अलग उप-समूहों में बांटा जा सकता है। 
अगर आप इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना चाहते हैं, जो काफी हद तक शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो यह मालूम करने के लिए, यहां बताई गई तरह-तरह की कैटिगरी पर गौर करें कि आपकी फाइनैंशल दिलचस्पी के हिसाब से कौन-सा फंड सबसे अच्छा है। 

 1. लार्ज-कैप फंड्स 
लार्ज-कैप फंड्स वैसे इक्विटी फंड्स हैं, जो उन कंपनियों में निवेश करते हैं, जिनका मार्केट कैपिटलाइजेशन बड़ा होता है। SEBI के म्यूचुअल फंड क्लासिफिकेशन के हिसाब से लार्ज-कैप कंपनियां वे हैं, जिन्हें सम्पूर्ण मार्केट कैपिटलाइजेशन की दृष्टि से 1 से 100 के बीच स्थान दिया जाता है। आम तौर पर, ऐसी कंपनियों की वित्तीय स्थिति काफी मजबूत होती है, उनका ग्रोथ रेकॉर्ड लगातार बढ़ता रहता है और उनका रिस्क लेवल, स्मॉल और मिड-कैप स्टॉक्स की तुलना में काफी कम होता है। एक लार्ज-कैप फंड में कम से कम 80% होल्डिंग्स, लार्ज-कैप कंपनियों में होनी चाहिए। 

क्यों चुनें यह म्यूचुअल फंड 
इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश करते समय तुलनात्मक दृष्टि से कम रिस्क लेने की इच्छा रखने के साथ-साथ स्थिर रिटर्न की उम्मीद रखने वाले निवेशक, लार्ज-कैप फंड्स में निवेश करने के बारे में सोच सकते हैं, क्योंकि इनके रिटर्न लम्बे समय में काफी हद तक महंगाई को मात देने वाले रिटर्न होते हैं। आप लम्बे समय में पूरा होने वाले बड़े लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक लार्ज-कैप फंड में निवेश कर सकते हैं। लेकिन, एक लार्ज-कैप फंड में निवेश करने में खराबी यह है कि उनमें स्मॉल और मिड-कैप फंड्स की तुलना में आम तौर पर कम रिटर्न मिलने की संभावना रहती है। 

2. स्मॉल और मिड-कैप फंड्स 
स्मॉल और मिड-कैप म्यूचुअल फंड्स, स्मॉल से मिड-लेवल मार्केट कैपिटलाइजेशन वाले शेयरों में निवेश करने पर ध्यान देते हैं। इस कैटिगरी की कंपनियों के बढ़ने की सम्भावना आम तौर पर काफी अधिक होती है, लेकिन उनसे जुड़ा जोखिम भी अधिक रहता है। SEBI के अनुसार, मिड-कैप कंपनियों को मार्केट कैपिटलाइजेशन की दृष्टि से 101 से 250 के बीच स्थान दिया जाता है, जबकि स्मॉल-कैप कंपनियों को 251 के बाद स्थान दिया जाता है। मिड और स्मॉल-कैप फंड्स को अपनी होल्डिंग्स का कम से कम 65% मिड या स्मॉल-कैप कंपनियों में निवेश करना होगा। 

क्यों चुनें यह म्यूचुअल फंड 
एक असाधारण रिटर्न चाहने वाले निवेशकों की जोखिम उठाने की चाहत अधिक होती है और वे काफी लम्बे समय के लिए निवेश कर सकते हैं, इसलिए उन्हें स्मॉल और मिड-कैप फंड्स में निवेश करने के बारे में सोचना चाहिए। स्मॉल और मिड-कैप फंड्स में निवेश करने का सबसे बढ़िया तरीका, सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान मोड के माध्यम से किया जाने वाला निवेश है। चूंकि ये फंड्स काफी अस्थिर हो सकते हैं, इसलिए एक बेहतर रुपया लागत औसत का लाभ उठाने के लिए SIP मोड के माध्यम से निवेश करना बेहतर होता है। 

स्मॉल और मिड-कैप फंड निवेश उन लोगों के लिए अनुकूल होते हैं, जो अपने कैरियर के शुरुआत में होते हैं। इसके विपरीत, रिटायरमेंट की उम्र के करीब पहुंच चुके निवेशकों को स्मॉल और मिड-कैप फंड्स से दूर रहना चाहिए। 

3. मल्टी-कैप फंड्स 
मल्टी-कैप फंड्स निवेशकों को उन फंड्स में निवेश करने का मौका देते हैं, जो अलग-अलग सेक्टर में रिस्क लेने और अलग-अलग लेवल के मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनियों में निवेश करने पर ध्यान देते हैं। ये फंड्स, जोखिम उठाने से परहेज करने वाले निवेशकों के लिए अनुकूल होते हैं। एक मल्टी-कैप फंड को कम से कम 65% इक्विटी या इक्विटी से जुड़े निवेश साधनों में निवेश करना होगा। मल्टी-कैप फंड्स लम्बे समय वाले फाइनैंशल लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अच्छे होते हैं, जहां मध्यम से अधिक रिटर्न की जरूरत होती है। अपने कैरियर के मध्य में पहुंच चुके निवेशकों को ऐसे फंड्स में निवेश करने के बारे में सोचना चाहिए। 

4. ELSS फंड्स 
इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम्स, टैक्स-सेविंग इक्विटी-ओरियंटेड म्यूचुअल फंड्स हैं, जो निवेशकों को इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन बेनिफिट पाने का मौका देता है। सबसे जरूरी बात ELSS फंड्स में 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है, जिसका मतलब है कि उसमें निवेश किए गए पैसे को 3 साल तक निकाला नहीं जा सकता है। 

आजकल कई प्रमुख ELSS फंड्स का झुकाव लार्ज-कैप की तरफ है, लेकिन कुछ का झुकाव मिड-कैप की तरफ भी है। इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश करके अधिक रिटर्न की उम्मीद करने के साथ-साथ टैक्स बेनिफिट भी चाहने वाले निवेशक ऐसे फंड्स में निवेश कर सकते हैं। 

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