इंदौर में सख्त हुआ प्रशासन, सैनेटाइजर और मास्क को ज्यादा कीमत पर बेचा तो खैर नहीं

इंदौर
कोरोना (Corona) के बढ़ते मामलों और सेनेटाईजर, मॉस्क जैसी वस्तुओं की काला बाजारी की शिकायतों के चलते इंदौर जिला कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव ने हेण्ड सैनेटाईजर और मास्क को आवश्यक वस्तुओं की सूची में शामिल करने का आदेश दिया है. इसकी उपलब्धता एवं विक्रय के संबंध में एडवाईजरी जारी की गई है. निर्धारित कीमत से ज्यादा कीमत पर इन सामग्रियों को बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है.

जिला कलेक्टर ने आम जनता से अपील की है कि वे घबराए नहीं, केवल ऐहतियाती उपायों को गंभीरतापूर्वक अपनाएं. इस संबंध में सबसे महत्वपूर्ण पर्सनल हाइजीन मेंटेन करना या व्यक्तिगत साफ सफाई सुनिश्चित करना है.

उन्होंने जानकारी दी कि इंदौर एयरपोर्ट पर थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है और कोरोना से संक्रमण के लक्षण पाए जाने पर एमआरटीवी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा जा रहा है. ये सभी कार्य लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के जारी दिशा निर्देशों के अनुसार किया जा रहा है.

जिला प्रशासन का कहना है कि गुरु दत्तात्रेय कॉलेज शहर से दूर है एवं यहां सभी आवश्यक मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर इसकी अनुमति प्राप्त होते ही कोरोना के लक्षण वाले संभावित व्यक्तियों को यहां आइसोलेशन में रखा जाएगा. इसका उद्देश्य शहर से दूर कोरोना का ट्रीटमेंट करना है, जहां कम से कम लोग इस संक्रमण से प्रभावित हों.

परिवार के सदस्यों के लिए भी जारी करें एडवाइजरीजिला कलेक्टर ने सीएमएचओ डॉ प्रवीण जडिया एवं एमजीएम कॉलेज की डीन डॉ ज्योति बिंदल से एक एडवाइजरी जारी करने के लिए कहा है इसके संक्रमण से प्रभावित व्यक्ति के परिवार के सदस्यों को उससे बचाव की सही एवं सटीक जानकारी उपलब्ध हो सकेगी.

कलेक्टर ने बताया कि कोरोना वायरस से रोकथाम के लिए उपयोग में लाए जा रहे मास्क का सही डिस्पोजल आवश्यक है. इसके लिए नगर निगम की कचरा गाड़ी में सूखे एवं गीले कचरे के अलावा बने एक बॉक्स में पॉलिथीन में रखकर फेंकना चाहिए क्योंकि ये मास्क सूखे कचरे की श्रेणी में नहीं आता एवं इसका अलग विधि से निपटारा होता है. ये सभी प्रयास कोरोना के संभावित खतरे को रोकने के लिए आवश्यक हैं.

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