इंदौर में कोरोना के 32 केस, 3 दिन तक सब बंद

इंदौर
मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है, जिसको देखते हुए प्रदेश की शिवराज सरकार ने सख्त फैसला लिया है। आज से तीन दिनों के लिए प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर को पूरी तरह से लॉक डाउन कर दिया गया है। मतलब अब यहां दूध-सब्जी समेत कोई भी जरूरी सामान नहीं मिलेगा। पूरे देश में सबसे सख्त डाउन इंदौर में ही लगाया गया है।

कुछ भी नहीं मिलेगा तीन दिनों तक
इंदौर में संपूर्ण लॉक डाउन के दौरान पेट्रोल पंप सहित किराना सब्ज़ी दूध कोई भी दुकानें नहीं खोली जा सकेगी। इसके अलावा सड़कों पर कोई भी वाहन नहीं चलेगा। दोपहिया चारपहिया वाहन किसी भी स्थिति में सड़क पर दिखाई नहीं देंगे। जिन घरों में कोरोना के मरीज़ मिले हैं, उनके इर्द गिर्द रहने वालों को क्वारनटाइन सेंटर में रखा जाएगा।

तेजी से बढ़े हैं मामले
दरअसल, इंदौर में अचानक से दो दिन में संक्रमण के मामले बढ़े हैं। जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने ये कठोर फैसला लिया है। इंदौर में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 32 पर पहुंच चुकी है। सभी मरीजों का अलग-अलग अस्पताल में इलाज चल रहा है। अधिकारियों ने सभी को एमआर टीबी अस्पताल में शिफ्ट करने को कहा है। इनमें से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है। इनमें से एक वेंटिलेटर पर है तो बाकी तीन को बाईपेप मशीन पर रखा गया है।

होगी सख्त कार्रवाई
इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने कहना है कि शहर में संपूर्ण लॉक डाउन रहेगा इसकी अवधि बढ़ाई जाएगी। संभवत सप्ताह भर से 15 दिन के बीच का यह लॉक डाउन होगा। इस दौरान कलेक्टर ने कहा कुछ दिन सूखे अनाज और आलू प्याज से लोग काम चलाएं। हरी सब्जियों के पीछे ना भागे। ये सब्जी कई हाथों से गुजर कर आप तक पहुंचती है। इसीलिए कुछ दिन थोड़ी परेशानी भी उठाएंगे तभी स्थिति नियंत्रण में आएगी। वर्तमान में इंदौर कोरोना अपर सेकंड स्टेज पर पहुंच चुका है। कलेक्टर मनीष सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी। एक जगह चिह्नित कर, नियम तोड़ने वालों को खुली जेल में रखा जाएगा।

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