इंदौर में कांग्रेस को भाजपा की घोषणा का इन्तजार, चौंकाने वाला हो सकता है नाम

इंदौर
विधानसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद उत्साह से भरी कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए गहरे मंथन के बाद प्रदेश की की 29 में से 28 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं| लेकिन इंदौर में अब भी सस्पेंस है| यहां कांग्रेस को भाजपा की घोषणा का इन्तजार है| जिस तरह कांग्रेस ने एक एक सीट पर फोकस रखा है, ऐसी रणनीति प्रदेश में 15 साल तक नहीं दिखी| लेकिन इस बार कांग्रेस ने कठिन सीटों पर बीजेपी को रोकने के लिए विशेष रणनीति बनाई है| जिसके चलते भोपाल से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को उतारकर भाजपा को असमंजस में डाला है| इसी तरह इंदौर में भी बड़ा फैसला होगा, यहां चौंकाने वाला फैसला हो सकता है| 

भाजपा की तरह कांग्रेस में भी इंदौर से कई स्थानीय दावेदार हैं, लेकिन जिस तरह भाजपा यहां लगातार जीत रही है, इसी कारण स्थानीय चेहरे के बजाय बड़े नेता पर मंथन किया जा रहा है, भले ही वो बाहरी हो| कांग्रेस को अब सिर्फ इंदौर का फैसला करना है| इंदौर से सलमान खान से लेकर गोविंदा जैसे फिल्म अभिनेताओं का नाम चला, फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम कांग्रेस के हलकों में भी तेजी से उभरा। लेकिन गुना से सिंधिया का नाम तय होने से इन सभी कयासों का दौर ख़त्म हो गया| लेकिन अब भी यहां बड़े नेता के उतरने की उम्मीद है| 

इंदौर सीट पर भाजपा का तीन दशक से कब्जा रहा है| लेकिन इस बार यहाँ समीकरण बदल रहे हैं| लगातार आठ बार कमल खिलाने वाली ताई इस बार चुनाव नहीं लड़ रही हैं| टिकट में हो रही खींचतान पर सुमित्रा महाजन ने अपना नाम वापस ले लिया| जिसके चलते अब बीजेपी की घोषणा पर ही तय होगा चुनाव का रंग कैसा होगा| ताई के रुख से भी कांग्रेस को फायदा नजर आ रहा है| पार्टी इसे मुद्दा बनाने की फ़िराक में है|  ताई का टिकट कटना स्थानीय स्तर पर भाजपा के लिए परेशानी बढ़ाने वाला कदम माना जा रहा है। हालांकि भाजपा को राहत मिली कि सिंधिया इंदौर से उम्मीदवार नहीं बनाए गए। इस बीच स्थानीय दावेदारों में शामिल पंकज संघवी, शोभा ओझा और मंत्री जीतू पटवारी को भी दिल्ली से इंदौर भेज दिया गया है। तीनों दावेदारों को दिल्ली से संदेश मिला है कि आप इंदौर में ही रहें, आपको जल्द सूचित किया जाएगा। 

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