इंटरनेट पर रोक लगी तो ऑफलाइन चैट ऐप यूज करने लगे प्रदर्शनकारी

 चेन्नै
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जारी प्रदर्शन के बीच देश में कई जगहों पर इंटरनेट सर्विस पर रोक लगा दी गई है। ऐसे में ब्रिजफाइ, फायर-चैट जैसे ऑफलाइन मैसेजिंग ऐप्स के इस्तेमाल में इजाफा होता दिख रहा है। शायद प्रदर्शनकारियों ने हॉन्ग कॉन्ग से सीख ली है जहां चीन के खिलाफ जोर पकड़े आंदोलन में इन दोनों ऐप्स का भरपूर इस्तेमाल हुआ।

ब्लूटुथ कनेक्शन पर करता है काम
इन दोनों ऐप से कम दूरी के ब्लूटुथ कनेक्शन के साहरे संदेशों का आदान-प्रदान किया जाता है। अमेरिकी ऐप इंटेलिजेंस फर्म ऐपोटॉपिया के आंकड़े बताते हैं कि 12 दिसंबर से जब असम और मेघालय में इंटरनेट पर रोक लगी तो ब्रिजफाइ ऐप डाउनलोड और उसके इसेतमाल में औसतन 80 गुना इजाफा हो गया। और जब इन दोनों राज्यों से बाहर भी इंटरनेट प्रति पर प्रतिबंध लगने लगे तो वहां भी ऐसे ऐप्स के डाउनलोड बढ़ गए।

दिल्ली में 30 गुना बढ़ा डाउनलोड
इंटरनेट पर पाबंदियों से पहले देश में ब्रिजफाइ हर दिन औसतन 25 बार डाउनलोड होता था जबकि 13 दिसंबर के बाद इसमें 100 गुना वृद्धि हुई और आंकड़ा प्रति दिन 2,609 डाउनलोड पर पहुंच गया। इसका ऐक्टिव यूजर बेस में भी करीब 65 गुना इजाफा हुआ। 11 दिसंबर तक पहले इसे 184 लोग इस्तेमाल किया करते थे जो 12 दिसंबर से बढ़कर 12,118 तक पहुंच गए। दिल्ली के कुछ इलाकों में इंटरनेट पर पाबंदी लगी तो ऐप डाउनलोड और इस्तेमाल 30 गुना बढ़ गया।
 
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ब्रिजफाइ ने भी अपेन ट्विवटर पेज पर बताया कि भारत में उसका ट्रैफिर बढ़ गया है। उसने कहा कि कंपनी ज्यादा-से-ज्यादा तेज गति से मेसेज ट्रांसफर में यूजर्स की मदद कर रही है। वहीं, 17 से 18 दिसंबर के बीच फायर-चैट ऐप का इस्तेमाल जबकि डाउनलोड 18 गुना बढ़ गया। इसका यूजर बेस अभी छोटा है, लेकिन प्रदर्शन बढ़ने के साथ-साथ इसमें वृद्धि देखी जा रही है।

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