आलोक खरे की 150 करोड़ की बेनामी संपत्ति का खुलासा

 

इंदौर.मध्य प्रदेश में आबकारी विभाग का सहायक आयुक्त आलोक कुमार खरे करोड़ पति नहीं बल्कि अरबपति निकला. करीब 1 लाख महीने की सैलरी वाले इस अधिकारी के पास अब तक 150 करोड़ की काली कमाई का पता चल चुका है. खरे के 5 ठिकानों पर लोकायुक्त पुलिस (lokayukt police)ने जब छापा मारा तो उसकी विलासिता और सुख-सुविधाएं देखकर टीम भी हैरान रह गयी.

85 हज़ार की ऑफिस चेयर
इंदौर में पदस्थ सहायक आयुक्त आबकारी आलोक कुमार खरे की अब तक 150 करोड़ से ज्यादा की बेनामी संपत्ति का खुलासा हो चुका है. मध्य प्रदेश के कई शहरों में उसकी 21 से ज्यादा प्रॉपर्टी मिलीं. इनमें कई आलीशान बंगले, दर्जनों जगह ज़मीन, लग्जरी गाड़ियां, सोने-चांदी के ज़ेवरात मिले. खऱे की काली कमाई का अंदाज़ इसी से लगाया जा सकता है कि ऑफिस में
बैठने के लिए उसने 85 हजार की कुर्सी मंगवाई थीं.

अरबों की कमाई-इंदौर में पदस्थ आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त आलोक खरे के 5 ठिकानों पर अल सुबह लोकायुक्त पुलिस ने छापा मारा. उसमें इस बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ है. आलोक खरे जून 2018 से इंदौर में पदस्थ हैं. इससे पहले वो 2014 से 2018 तक भोपाल में रहे.इंदौर में वो उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने अपने ऑफिस में बैठने के लिए 85 हजार की कुर्सी मंगाई थी. खरे ने अपनी नौकरी का अधिकतर समय मालवा निमाड़ इलाके में ही निकाला.वो खरगोन,रतलाम,धार और इंदौर जिलों में रहे. इसी दौरान उन्होंने अरबों रुपए की काली कमाई की.

विधायक ने की थी शिकायत-आबकारी विभाग के सहायक आय़ुक्त आलोक खरे की मध्यप्रदेश के कई शहरों में 21 जगह प्रॉपर्टी मिली है. खरे की धार और रतलाम पोस्टिंग के दौरान भी उनके खिलाफ कई शिकायतें हुईं थीं. बीजेपी नेता विक्रम वर्मा की पत्नी और धार विधायक नीना वर्मा ने भी खरे की शिकायत की थी. लेकिन आबकारी विभाग ने शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की. इंदौर, भोपाल और छतरपुर के आसपास खरे और उनके परिवार की संपत्ति मिली हैं.आलोक खरे का भाई खरगोन में डिप्टी कलेक्टर हैं.

भ्रष्टाचार की जांच कर रहा था खरे
मज़ेदार बात ये है कि काली कमाई का रिकॉर्ड बना रहे आलोक खरे धार से हटाए गए अस्सिटेंट कमिश्नर संजीव दुबे की जांच कर रहे थे. संजीव दुबे का धार के विधायकों के साथ पैसे के लेन देन का ऑडियो वायरल हुआ था. उसके बाद संजीव दुबे को धार से हटाकर इंदौर उड़नदस्ता में पदस्थ किया गया था. आलोक खरे को मामले की जांच सौंपी गई थी.

1 लाख सैलरी-150 करोड़ कमाई-आलोक खरे ने 1996 में नौकरी ज्वाइन की थी. अब उनकी सैलरी करीब 1 लाख रुपए महीने है. 23 साल की नौकरी में उनकी कुल कमाई करीब ढाई करोड़ रुपए होती है. लेकिन इस दौरान अरबों रुपए उन्होंने काली कमाई कर कमा लिए.

भोपाल से चलता था रुतबा
आलोक कुमार खरे का दबदबा इतना था कि वो अधिकतर समय भोपाल में रहते थे. भोपाल से ही इंदौर ऑफिस चलाते थे. वो हफ्ते में एक दो दिन ही इंदौर ऑफिस पहुंचते थे. वो खुद को विभागीय मंत्री का करीबी बताकर रौब झाड़ते थे. इसलिए बडे़ अफसर भी उनसे मुख्यालय छोड़ने का कारण नहीं पूछते थे. एक प्रिंसिपल सेक्रेट्री का भी उन्हें संरक्षण मिला हुआ था. लोकायुक्त की टीम आज जब इंदौर ऑफिस पहुंची तो आलोक खरे ड्यूटी पर नहीं मिले.

इंदौर में भव्य फ्लैट
आलोक खरे ने इंदौर के सबसे महंगे इलाके ग्रांड एक्सजोटिका हाइट्स में फ्लैट ले रखा था.लोकायुक्त पुलिस को यहां लॉक लगा मिला. फ्लैट के बाहर चार पांच दिन के अखबार पड़े हुए थे. लोकायुक्त की टीम ने गेट पर नोटिस चस्पा कर दिया है. लोकायुक्त के अफसरों ने फ्लैट की चाभी मंगाई है उसके बाद इसकी सर्चिंग की जाएगी जिसमें कई और भी अहम खुलासे की उम्मीद है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *