आर्थिक पैकेज को जमीन पर लाने में लग सकता है समय: कोरोना संकट

 नई दिल्ली                                                                              
केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद भी केंद्र सरकार के भारी भरकम आर्थिक पैकेज के अमल में अभी समय लग सकता है। इस समय केंद्र व राज्यों में कोरोना काल की कार्यशैली विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है। केंद्र सरकार के आर्थिक पैकेज की सफलता भी इसी कार्यशैली पर निर्भर करेगी। जून में इसके लिए केंद्र व राज्य सरकारें विभिन्न बदलावों के साथ खुद को तैयार कर रही हैं। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग, काम के समय में बदलाव व कम लोगों के साथ काम शामिल है।

कोरोना काल में देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए घोषित किए गए भारी भरकम आर्थिक पैकेज के जमीन पर उतरने में अभी समय लग सकता है। जून में इस इसे लेकर केंद्र और राज्य स्तर पर व्यापक कार्ययोजना तैयार की जा रही है, जिसे अगले माह से अमल में लाया जा सकता है। सरकार की योजना जून से ही इस दिशा में काम को तेज करने की थी लेकिन इस समय अनलॉक वन के बीच राज्यों की अपनी समस्याएं और सीमाओं के विवाद को लेकर कामकाजी लोगों की आवाजाही पर व्यापक असर पड़ रहा है।

नए हालात में काम की समझ विकसित होगी : सरकार को उम्मीद है कि जून के आखिर तक सार्वजनिक परिवहन समत तमाम सीमा संबंधी समस्याएं हल हो जाएंगी और इन परिस्थितियों में किस तरह काम किया जाएगा, इसे लेकर एक समझ भी विकसित हो जाएगी। इसके बाद कामकाज में तेजी लाई जा सकेगी।

समन्वय से होगा काम: सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने आर्थिक पैकेज से जुड़े अपने सभी प्रमुख मंत्रालयों को साफ कर दिया है कि वे राज्यों की जरूरतों के और उनके समन्वय के साथ व्यापक कार्ययोजना तैयार करें। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को हुई बैठक में इस बारे में अपनी मंजूरी दे दी है। अब मंत्रालय और राज्यों को आगे बढ़ना है। राज्य सरकारों ने भी इस दिशा में काम करना शुरू किया है और इस माह के अंत तक जरूरी बदलावों से कामकाज शुरू किया जा सकेगा।

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