आरती-श्वेता की आवाज व हैडराइटिंग का होगा टेस्ट, न्यायालय ने दी मंजूरी

भोपाल
राज्य की राजनीति में भूचाल लाने वाले हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में आरती व श्वेता जैन की मुश्किलें बढऩा तय है। इस मामले में पुलिस ने अब उनकी आवाज और लिखाई की टेस्ट करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस मामले में पुलिस को न्यायालय से अनुमति मिल गई है। इसे पुलिस के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। पुलिस ने इसके लिए न्यायाधीश मनीष भट्ट के समक्ष अर्जी दाखिल की थी। उस पर सुनवाई के दौरान पुलिस ने तर्क दिया कि इस केस की मुख्य आरोपी आरती दयाल के कुछ आडियो क्लिप हैं, जिनका वाइस टेस्ट करवाना आवश्यक है। प्रकरण की दूसरी आरोपी श्वेता जैन की हैंडराइटिंग की भी जांच विशेषज्ञ से कराना जरूरी है। क्योंकि इसी जांच के सहारे प्रकरण की अगली कडिय़ां जुड़ पाएंगी।

हाईकोर्ट में दायर हुआ एक और परिवाद
आरटीआई कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह अटल द्वारा एक परिवाद दायर किया गया है। परिवाद में कहा गया है कि अनेक समाचार पत्रों ने यह प्रकाशित किया है कि इस केस में 2 पूर्व सीएम, दो पूर्व सांसद, दो पूर्व मंत्री, 5 आईपीएस, 5 आईएएस, विधायक, 2 पत्रकार और कई कारोबारियों के नाम इस प्रकरण में सामने आए हैं।

28 तक जेल में ही रहना होगा पांचों आरोपियों को
नगर निगम के इंजीनियर को ब्लैकमेल करने के आरोप में गिरफ्तार पांचों महिला आरोपी आरती दयाल, श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा सोनी और मोनिका यादव की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जेल से पेशी कराई गई। आरोपियों की ओर से जमानत अर्जी भी दाखिल की गई थी। दलील यह दी गई है कि पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर चुकी है, लिहाजा उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया जाए। इस पर आपत्ति लेते हुए पुलिस ने अदालत से कहा कि अभी इस केस में काफी साक्ष्य जुटाना है। जब्त मोबाइल, लैपटाप और अन्य डिवाइस की जांच भी विशेषज्ञों के कराई जा रही है। ऐसे में आरोपियों को रिहा करने से प्रकरण के अनुसंधान में बाधा पैदा होगी। पुलिस के तर्क सुनने के बाद अदालत ने पांचों आरोपियों की न्यायिक हिरासत की अवधि 28 अटूबर तक बढ़ा दी है।

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