आरजीपीवी निदेशक राजपूत ने 90-90 हजार रुपए में खरीदे 52 हजार वाले कम्प्यूटर 

भोपाल
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय यूआईटी आटोनोमशन के निदेशक आरएस राजपूत ने 100 कम्प्यूटर को दोगुने दामों में खरीदकर जमकर घोटाला किया है। उन्होंने 90-90 हजार में 52 हजार रूपए के बाजार मूल्य के कम्प्यूटर खरीदे हैं। ये बड़ा घोटाला राजपूत ने किया है। इसकी जांच कराने के लिए आरजीपीवी को पत्र लिखा गया है। पत्र में राजपूत केखिलाफ कई और आरोप लगाए गए हैं। 

निदेशक राजपूत ने एक निजी व्यक्ति को यूआईटी में स्थान देकर फोटो कापी मशीन लगावा दी है। इसमें हरेक विभाग को फोटो काफी कराने के लिए अनिवार्य किया गया है। इसलिए कोई और व्यक्ति फोटो कापी कराता है, तो उसे उसका तत्काल नगद भुगतान करना पड़ रहा है। इसमें किसी भी प्रकार का टेंडर और किरायानामा तैयार नहीं कराया गया है। यहां तक विभागीय कार्यालय की फोटो काफी का भुगतान यूआईटी द्वारा किया जाएगा। इसके बाकायदा बिल तैयार कर यूआईटी भेज जा रहे हैं, जिनका भुगतान राजपूत द्वारा कराया जा रहा है। जबकि आरजीपीवी ने मुख्य द्वार पर पृथक स्टेशनरी और फोटो कापी के लिए दुकान किराए पर दे रखी है। 

ये शिकायत आरजीपीवी को भेजी गई है। शिकायत में बताया गया है कि सुरक्षाकर्मी और सफाईकर्मी को नियुक्त करने में निदेशक राजपूत ने काफी फर्जीवाड़ा किया है। इसमें वे कम सुरक्षाकर्मियों को नियुक्त कर ज्यादा सुरक्षाकर्मी और सफाईकर्मी का भुगतान सुरक्षा एजेंसी को कराया जा रहा है। यूआईटी में स्मार्ट रूम तैयार किए गए हैं। इसमें करीब एक करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। जबकि भुगतान करीब डेढ़ करोड़ रूपए का किया गया है। शिकायतकर्ता ने बताया है कि आरजीपीवी निदेशक के बैंक खाते की जांच पड़ताल कर देखे,जिसमें सामने आया कि उन्होनें छह माह से अपना वेतन ही नहीं निकाला है। आधा दर्जन बिंदुओं पर हुई शिकायत पर निदेशक राजपूत को विवि में रहते हुए आर्थिक अपराध करने का आरोप लगाया गया है। 

शिकायत मिलने के बाद आरजीपीवी निदेशक राजपूत के खिलाफ जांच कराएगा। इसके बाद उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। वहीं राजभवन से भी उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पत्र कुलपति सुनील कुमार गुप्ता को भेज दिया गया है, जिसमें कुलपति गुप्ता को कमेटी बनाकर करीब दस बिंदुओं पर जांच कराकर रिपोर्ट राजभवन भेजना है। 

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