आदिवासियों को कमलनाथ सरकार ने दी बड़ी सौगात, साहूकारों से मिलेगी मुक्ति!
भोपाल
प्रदेश में अधिसूचित क्षेत्रों में बिना लाइसेंस के आदिवासियों को कर्ज देने वाले अब अपना पैसा नहीं वसूल पाएंगे। इसके लिए मंत्रि-परिषद ने विनियम के कुछ प्रावधान वर्तमान परिवेश में अप्रासंगिक होने से मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति साहूकार विनियम (संशोधन) अध्यादेश 2019 के लिए स्वीकृति दी है। अध्यादेश पर राष्ट्रपति की मुहर लगते ही प्रदेश में नया कानून लागू हो जाएगा।
प्रदेश में साहूकारों द्वारा अधिसूचित क्षेत्रों में आदिवासी वर्ग को अत्यधिक ब्याज दरों पर ऋण देने की प्रवृत्ति एवं उत्पीड़न को रोकने के लिए मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति साहूकार विनियम 1972 लागू है। अधिनियम में संशोधन के तहत ब्याज दरें अभी तक 6 फीसदी थीं, अब राज्य सरकार तय करेगी। लाइसेंस फीस 500 रुपए से बढ़ाकर पांच से छह गुना कर दी है। बिना लाइसेंस के कर्ज दिया तो साहूकार आदिवासी से कर्ज भी नहीं वसूल पाएंगे। उन्हें तीन साल से कम की सजा भी दी जा सकती है। साथ ही 1 लाख का जुर्माना देना पड़ सकता है। खास बात यह है अध्यादेश के लागू होने के बाद बिना लाइसेंस के कर्ज देने वाले साहूकार वसूली नहीं कर पाएंगे।