आत्मनिर्भर भारत पैकेज पर अंतिम घोषणा आज

नई दिल्ली
कोरोना वायरस को लेकर किए गए देशव्यापी लॉकडाउन (Corona virus lockdown) में बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज पर पांचवें और अंतिम चरण की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज सुबह 11 बजे करेंगी। वित्त मंत्री ने शनिवार को आत्मनिर्भर भारत पैकेज (Atmanirbhar Bharat Package) की चौथी किस्त में आठ सेक्टर्स में सुधार की घोषणा की। पैकेज की इस किस्त में कोयला, रक्षा विनिर्माण, विमानन, अंतरिक्ष, बिजली वितरण आदि क्षेत्रों में नीतिगत सुधारों पर जोर दिया गया है। पैकेज की चौथी किस्त की मुख्य बातें इस प्रकार हैं।

कोयला क्षेत्र में सरकार का एकाधिकार समाप्त होगा
कोयला क्षेत्र में निजी कंपनियों को वाणिज्यिक खनन शुरू करने के लिए करीब 50 ब्लॉक पेश किए जाएंगे। सरकार का एकाधिकार समाप्त होगा। कोयला क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन के लिए प्रति टन शुल्क की व्यवस्था के बजाय राजस्व-भागीदारी व्यवस्था पेश की जायेगी। खनिज क्षेत्र में खोज-खनन-उत्पादन एक समग्र अनुमति की व्यवस्था की शुरुआत की जाएगी। खदानों से निकाले गए कोयले के उठाव की बुनियादी सुविधाओं पर सरकार 50 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। 500 ब्लॉकों की नीलामी भी की जाएगी।

रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में FDI 74 फीसदी
कुछ हथियारों/हथियार मंचों के आयात पर रोक लगेगी, ऐसे हथियार और साजो सामान की खरीद सिर्फ भारत से की जा सकेगी। रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में स्वत: मंजूरी मार्ग से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत की जाएगी।

6 एयरपोर्ट की होगी नीलामी
यात्री उड़ानों के लिए भारतीय वायु मार्गों पर लगी पाबंदियों में ढील दी जाएगी, इससे विमानन क्षेत्र को एक साल में एक हजार करोड़ रुपये का लाभ होगा। छह और हवाईअड्डों में निजी कंपनियों की भागीदारी के लिए नीलामी की जायेगी, 12 हवाई अड्डों में निजी कंपनियों से 13 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश मिलेगा।

केंद्र शासित प्रदेशों में डिस्कॉम का निजीकरण
केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का निजीकरण किया जायेगा। इसके अलावा उपग्रहों, प्रक्षेपणों और अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं समेत भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में निजी कंपनियों को भगीदारी के अवसर मिलेंगे। कैंसर एवं अन्य बीमारियों के किफायती उपचार के लिए पीपीपी आधार पर अनुसंधान नाभिकीय संयंत्र बनाए जाएंगे।

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