आज भी खौफनाक मंजर को याद कर सहम जाती है यह कोरोना सर्वाइवर

 न्यूयॉर्क 
अमेरिका में कोरोना वायरस से ठीक हो चुकी एक महिला टिफिनी पिनकेनी उस मंजर को याद करके अब भी सहम जाती है जब इस महामारी ने उसकी रातों की नींद उड़ा दी थी। लेकिन न्यूयार्क शहर की इस महिला ने इस बीमारी से जंग जीतकर अब गंभीर रूप से बीमार अन्य मरीजों के इलाज के लिए अपना रक्त दान करने का फैसला लिया है।

पिनकेनी ने समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस को बताया, 'यह जानना निश्चित रूप से जरूरी है कि मेरे रक्त में, जवाब हो सकते हैं।' न्यूयॉर्क के माउंट सिनाई अस्पताल के अध्यक्ष डा.डेविड रीच ने कहा, 'यह एक अभियान का जबरदस्त आह्वान है।' उन्होंने कहा कि पिनकेनी भी उस दौड़ में शामिल हुई जो रक्त देना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, 'लोग इस बीमारी के सामने खुद को बहुत असहाय महसूस कर रहे हैं। यही वह समय है जब लोग अपने साथी मनुष्यों की मदद कर सकते हैं।' इस महामारी से सहमी जनता अपने परिवारों के साथ अपने बीमार प्रियजनों की ओर से सोशल मीडिया पर मदद का आग्रह कर रही है और इस बीमार से स्वस्थ हुए लोग पूछ रहे हैं कि वे किस तरह से उनकी मदद कर सकते हैं।

मिशिगन स्टेट विश्वविद्यालय के अनुसार, 1,000 से अधिक लोगों ने अकेले राष्ट्रीय कोविड-19 'कंवलसेंट प्लाज्मा प्रोजेक्ट के लिए हस्ताक्षर किए। कई अस्पतालों ने प्लाज्मा दान और अनुसंधान के लिए समूह का गठन किया।

पिनकेनी मार्च के पहले सप्ताह में बीमार हुई थी। सबसे पहले उन्हें बुखार आया और फिर ठंड लगने लगी। वह ठीक से सांस भी नहीं ले पा रही थी। और गहरा सांस लेने पर सीने में दर्द हो रहा था। दो बच्चों की अकेली मां पिनकेनी अपने नौ और 16 साल के बेटों के बारे में चिंतित है।
'मुझे याद है, मैं बाथरूम के फर्श पर बैठी रो रही थी।'

39 वर्षीय पिनकेनी का माउंट सिनाई में इलाज हुआ था और जब अस्पताल ने उन्हें स्वास्थ्य जांच के लिए बुलाया और उनसे पूछा कि क्या वह रक्त दान पर विचार करेगी तो उन्होंने ऐसा करने से संकोच नहीं किया।

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