कश्मीर पर मोदी सरकार के फैसले से पाकिस्तान में खलबली, बुलाया संसद का संयुक्त सत्र

लाहौर

मोदी सरकार के जम्मू-कश्मीर पर अप्रत्याशित रूप से अनुच्छेद-370 हटाने और उसे विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर केंद्र शासित प्रदेश के रूप में मान्यता दिए जाने के बाद पाकिस्तान में खलबली मच गई है. गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा में इस ऐतिहासिक ऐलान के बाद पाकिस्तान ने बदले हालात पर चर्चा के लिए कल यानी मंगलवार को संसद का संयुक्त सत्र बुलाया है.

पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉक्टर आरिफ अल्वी ने मंगलवार को देश की संसद में संयुक्त सत्र का आह्वान किया है. यह संयुक्त सत्र कल सुबह 11 बजे बुलाया गया है. इस बैठक में कश्मीर में बदले हालात पर चर्चा की जाएगी. पाक सुरक्षा बलों के प्रमुख भी इस बैठक में शामिल होंगे.

पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, चीफ ऑफ द एयर मार्शल मुजाहिद अनवर खान समेत कई अन्य शीर्ष सैन्य अफसर भी इस संयुक्त सत्र में हिस्सा लेंगे.

गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार (5 अगस्त) को राज्यसभा में 2 अहम संकल्प पेश करते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने और राज्य को 2 भागों में बांटने का ऐलान किया. अब जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेश के रूप में माना जाएगा. इस नए केंद्र शासित प्रदेश की अपनी विधायिका होगी. जबकि लद्दाख अब जम्मू-कश्मीर से अलग एक केंद्र शासित प्रदेश होगा, हालांकि लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी.

गृह मंत्री अमित शाह ने इस संकल्प में कहा कि संविधान के अनुच्छेद-370 के सभी खंड जम्मू-कश्मीर में नहीं लागू होंगे. यह सदन अनुच्छेद 370 (3) के अंतर्गत भारत के राष्ट्रपति की ओर से जारी की जाने वाली निम्न अधिसूचनाओं की सिफारिश करता है. संविधान के अनुच्छेद 370 (3) के अंतर्गत संविधान के अनुच्छेद 370 खंड 1 के साथ पठित अनुच्छेद 370 के खंड 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति संसद की सिफारिश पर यह घोषणा करते हैं कि यह दिनांक जिस दिन भारत के राष्ट्रपति द्वारा इस घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए जाएंगे और इसे सरकारी गैजेट में प्रकाशित किया जाएगा उस दिन से अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे, सिवाय खंड 1 के.

मोदी सरकार के इस फैसले से पहले जम्मू-कश्मीर में भारी सुरक्षाबल तैनात किए गए थे. पिछले हफ्ते सरकार ने अचानक सिक्योरिटी एडवाइजरी जारी करते हुए अमरनाथ यात्रा को तुरंत खत्म करने और राज्य में घूमने गए सभी यात्रियों और पर्यटकों को तुरंत अपनी यात्रा समाप्त करने और राज्य छोड़ने को कहा गया था.

धारा 144 लागू

इससे पहले श्रीनगर और जम्मू में सुरक्षा के मद्देनजर धारा 144 लागू कर दी गई थी. आम लोगों को बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी गई. ग्रुप में एक साथ बाहर निकलने पर भी रोक लगी हुई है. साथ ही पूरी घाटी में मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है. पहले सिर्फ मोबाइल सेवा रोकी गई थी, बाद में लैंडलाइन सर्विस भी रोक दी गई. हालांकि सुरक्षाबलों को सैटेलाइट फोन दिए गए हैं, जिससे किसी भी स्थिति को संभाला जा सके.

सुरक्षा को देखते हुए जम्मू में ही सीआरपीएफ की 40 कंपनियों को तैनात किया गया है. वहीं कश्मीर में ही हजारों की संख्या में अतिरिक्त सुरक्षाबल पहले से ही तैनात किए जा चुके हैं.

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