आज फैसला सुनाएगा कोर्ट, नीरव मोदी की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी

नई दिल्ली 
पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) को लगभग 13 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाने वाले भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की जमानत पर फैसला बुधवार को सुबह 10 बजे आएगा। लंदन के रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस में मंगलवार को सुनवाई पूरी हो गई। इससे पहले, वेस्टमिंस्टर कोर्ट लगातार तीन बार उसकी जमानत याचिका खारिज कर चुका है। नीरव को 19 मार्च को 13 हजार करोड़ के घोटाले के आरोप में स्कॉटलैंड यार्ड में गिरफ्तार किया गया था। उसके प्रत्यर्पण के लिए भारतीय एजेंसियां लगातार कोशिश कर रही हैं। 
 
याचिका पर सुनवाई के दौरान नीरव मोदी की वकील क्लेयर मोंटगोमेरी ने नीरव मोदी तथा उसके भाई के बीच आदान-प्रदान हुए कुछ ई-मेल को पढ़ा। मोंटगोमेरी ने कहा कि ई-मेल से साफ पता चलता है कि गवाहों से किसी भी तरह की छेड़छाड़ के कोई सबूत नहीं हैं। हमने अबु धाबी के गवाहों को भी देखा है, जिन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के ई-मेल का जवाब दिया है। 

मोंटगोमेरी ने तर्क दिया कि नीरव मोदी लंदन पूंजी इकट्ठा करने के लिए आए हैं। अगर उन्हें जमानत मिली तो उन्होंने खुद को एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से टैग करने की इच्छा जताई है, जिसके जरिये उन्हें ट्रैक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चूंकि उनके खिलाफ प्रत्यर्पण का मामला शुरू हो चुका है, इसलिए उनके भागने का सवाल पैदा नहीं होता। उनके बेटे और बेटी इंग्लैंड में यूनिवर्सिटी खोल रहे हैं और वे आते जाते रहेंगे। 

नीरव मोदी की वकील के तर्क पर आपत्ति जताते हुए कोर्ट में भारत सरकार का पक्ष रख रहे क्राउन प्रॉसेक्यूशन सर्विस ने कहा कि आरोप फर्जीवाड़ा और आपराधिक कृत्य के हैं। इस पर न्यायाधीश ने कहा है कि ये बस आरोप हैं। इन्हें तय समय-सीमा के भीतर निपटाना होगा। यह अनसिक्यॉर्ड लेंडिंग का मामला है। 

इसके बाद क्राउन प्रॉसेक्यूशन सर्विस ने कहा, 'नीरव मोदी के खिलाफ प्रत्यर्पण पर सुनवाई चल रही है और अगर ऐसे में उन्हें बेल मिली तो यह दूसरी समस्या हो जाएगी। इसलिए ऐसे समय में उन्हें बेल नहीं मिलनी चाहिए, क्योंकि उनके खिलाफ आरोप बेहद गंभीर हैं।' 

न्यायाधीश ने कहा, 'नीरव मोदी के पास अच्छी-खासी लीगल टीम है, जो उनका प्रत्यर्पण रोकने को लेकर भारत सरकार के मुकदमे का सामना करने की तैयारी कर रही है। उनके पास प्रत्यर्पण को नाकाम करने का अच्छा मौका है और अगर इसके बाद भी उनका प्रत्यर्पण होता है तो उस वक्त उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।' 

इस पर क्राउन प्रॉसेक्यूशन सर्विस ने कहा, नीरव मोदी कोई अचानक ब्रिटेन नहीं आ पहुंचे हैं। जिस तरह से उन्होंने फर्जीवाड़े को अंजाम दिया, उन्हें पता था कि उन्हें यह दिन देखना पड़ेगा। वह बेल पाने के लिए कैश सिक्यॉरिटीज की पेशकश कर रहे हैं, जो पांच लाख पाउंड से शुरू हुआ था और अब 20 लाख पाउंड तक पहुंच चुका है।' 

आठ मई को हुई थी पिछली सुनवाई 
बीते आठ मई को तीसरी बार नीरव मोदी कोर्ट में एम्मा अर्बथनॉट के सामने पेश हुआ था। उसके वकीलों ने आश्वासन दिया कि नीरव लंदन के ही फ्लैट में रहेगा और सुनवाई में पेश होगा, लेकिन जज ने एक न सुनी और जमानत की याचिका खारिज कर दी थी। भारत की तरफ से कोर्ट में पेश हुए क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस ने कहा था कि नीरव मोदी ने पिछली बार के ही तर्क दोहराए हैं और ऐसा नया कुछ भी नहीं पेश किया जिसकी बुनियाद पर बेल दी जाए। जज को भी भरोसा नहीं हुआ कि नीरव को बेल दे दी जाएगी तो वह दोबारा कोर्ट में पेश होगा। इसी के चलते जज ने जमानत याचिका खारिज कर दी थी। प्रॉसिक्यूशन ने नीरव के भागने की भी आशंका जाहिर की थी। 

19 मार्च को हुुई थी गिरफ्तारी 
19 मार्च को नीरव मोदी तब गिरफ्तार हुआ था, जब वह बैंक में अकाउंट खुलवाने पहुंचा था। बैंक के ही एक कर्मचारी ने पुलिस को इसकी सूचना दी। तबसे वह लंदन के वांड्सवर्थ जेल में है। आठ मई को तीसरी बार उसकी जमानत याचिका खारिज की गई थी। नीरव मोदी और उसका मामा मेहुल चौकसी फ्रॉड के मुख्य आरोपी हैं। 

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