आज तक प्रदेश में उपलब्ध कराया गया 9 लाख मीट्रिक टन यूरिया

भोपाल

प्रदेश में इस वर्ष 30 नवम्बर तक 9 लाख मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध कराया गया है, जो गत वर्ष की तुलना में एक लाख 20 हजार मीट्रिक टन अधिक है। आगामी 10 दिनों में लगभग 2 लाख मीट्रिक टन यूरिया और मुहैया कराया जाएगा।

किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री सचिन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में प्रदेश में यूरिया की उपलब्धता और वितरण की समीक्षा के लिये आयोजित बैठक में यह जानकारी दी गई।

बैठक में बताया गया कि अग्रिम भण्डारण योजनान्तर्गत बीते वर्षों की तुलना में इस वर्ष सर्वाधिक यूरिया का अग्रिम भण्डारण कराया गया है। पिछले दो वर्षों से लगभग ढाई लाख मीट्रिक टन यूरिया का अग्रिम भण्डारण किया गया था जबकि इस वर्ष 4 लाख 12 हजार मीट्रिक टन यूरिया भण्डारित किया गया है।

इस वर्ष सहकारिता क्षेत्र में पूर्व वर्ष की तुलना में 77 हजार मीट्रिक टन अधिक यूरिया का विक्रय किया गया है, जो गत वर्ष में आज दिनांक तक के विक्रय की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक है। बैठक में जानकारी दी गई कि आगामी 10 दिनों में उपलब्ध कराए जाने वाले 2 लाख मीट्रिक टन यूरिया के लिये 10 दिसम्बर तक 60 रेक मूवमेंट नियमित किया गया है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में अधिक वर्षा होने से गेहूँ के क्षेत्रफल में वृद्धि के मद्देनजर रबी 2019-20 के लिये 18 लाख मीट्रिक टन यूरिया की माँग की गई थी, किन्तु केन्द्र सरकार ने 15 लाख 40 हजार मीट्रिकटन (40 हजार मीट्रिक टन रिजर्व) प्रदाय करने की भी स्वीकृति दी। पिछले वर्ष दिसम्बर, 2018 में एक लाख 14 मीट्रिक टन यूरिया सप्लाई हुआ था, जबकि इस वर्ष दिसम्बर में 4 लाख 35 हजार मीट्रिक टन यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।

पूर्व वर्षों में सहकारिता एवं निजी क्षेत्र में यूरिया के व्यवसाय का अनुपात 50 : 50 था, जो कि इस वर्ष किसान हित में यह अनुपात 80 : 20 किया गया है। इस निर्णय से प्रदेश के अधिकाधिक किसानों को ट्रांसपेरेंसी ऋण पर सफलता से खाद उपलब्ध हो सकेगा।

प्रदेश में खाद की उपलब्धता एवं वितरण की मॉनीटरिंग राज्य एवं संभाग स्तर से किया जा रहा है और कालाबाजारी से संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत मिलने पर त्वरित व कठोर कार्यवाही किये जाने के निर्देश कलेक्टर्स को दिये गये हैं। निजी क्षेत्र के व्यापारियों के यूरिया के प्रतिदिन के स्टॉक और विक्रय की निगरानी नियमित रूप से जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है। यूरिया खाद के विक्रेताओं द्वारा किसानों को पीओएस मशीन से विक्रय किया जाना अनिवार्य है।

बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभांशु कमल, प्रमुख सचिव अजीत केसरी, संचालक मोहन शुक्ला और एमडी मार्कफेड श्रीमती स्वाति मीणा नायक मौजूद थे।

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