आंध्र, बंगाल के बाद छत्तीसगढ़ में भी बिना अनुमति जांच नहीं कर पाएगी CBI

रायपुर
पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश के बाद कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ ने भी राज्य में मामलों की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को दी गयी सामान्य सहमति वापस ले ली है. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. राज्य सरकार के गृह मंत्रालय ने केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय को इस संबंध में पत्र लिख दिया है.

दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम 1946 की धारा छह के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सीएम ने यह निर्णय लिया है. आंध्र प्रदेश और प. बंगाल के बाद यह निर्णय लेने वाला छत्तीसगढ़ तीसरा राज्य बन गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सचिव गौरव द्विवेदी ने न्यूज18 को यह जानकारी दी.

यह कदम उसी दिन उठाया गया है जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाले एक पैनल ने आलोक वर्मा को सीबीआई प्रमुख के पद से हटाते हुए उन्हें अग्निशमन सेवा, नागरिक रक्षा और होमगार्ड्स महानिदेशक के पद पर नियुक्त किया है. केंद्रीय सतर्कता आयोग की जांच रिपोर्ट में वर्मा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था.

अधिकारियों ने एक आधिकारिक बयान का हवाला देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुवाई वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और कार्मिक मंत्रालय से सीबीआई को राज्य में कोई भी नया मामला दर्ज नहीं करने का निर्देश देने की मांग करते हुए उन्हें पत्र लिखा है.

अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2001 में छत्तीसगढ़ सरकार ने सीबीआई को सामान्य सहमति दी थी. पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश सरकारों ने अपने यहां जांच करने और छापा मारने के लिए सीबीआई को दी गयी सामान्य सहमति पिछले साल वापस ले ली थी. दिल्ली में कार्मिक मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि सामान्य सहमति वापस लेने का पहले से सीबीआई जांच वाले मामलों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

 

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