आंधी-तूफान के साथ बरसा पानी, कई पेड़ व झोपडिय़ा धराशाही

श्योपुर
प्रदेश में मानसून आने में देरी है, लेकिन मानसून पूर्व की आंधी-तूफान जीवनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर रहे है। शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात में तेज तूफान के साथ बरसी बरसात से कई पेड़ व गरीबों की झोपडिय़ा धराशाही हो गई, जिसके कारण लोगों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां बता दे कि विगत सप्ताहभर से मौसम में आए रोज बदलाव देखने को मिल रहा है। तेज हवाओं के साथ बूंदा-बांदी का दौर जारी बना हुुआ है।

शुक्रवार की देर रात को अचानक मौसम में बदलाव हुआ और आसमान में बादलों के साथ तेज आंधी-तूफान चलना प्रारंभ हुआ। गरज व चमक के बीच आई आंधी व तूफान से शहर के पाली रोड सहित कई गावों में वर्षो पुराने पेड़ गिरकर धराशाही हो गए। वहीं आंधी व तूफान से ग्राम रायपुरा समेत कमलेश रजक, गजानंद माहौर की झोपड़ी समेत कई गांवों में गरीबों की झोपड़ी में लगे पाल, तिरपाल, टीन उड़कर नीचे आ गए। झोपडिय़ों के धराशाही होने से गरीब परिवार बेघर होकर सड़क पर आ गए है।

शनिवार की देर रात को आंधी व तूफान के साथ बरसते पानी के बीच गुल गई बिजली के कारण लोगोंं को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ा। बिजली न आने के कारण लोगों को उमसभरी गर्मी के कारण जागरण करना पड़ा। भीषण गर्मी व मच्छरों के आतंक कारण लोगों को रातभर नींद नहीं आ सकी और लोग लाइट आने का इंतजार करते नजर आए।

 

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