आँगनवाड़ी बाल-शिक्षा केन्द्र से अनुशासित और स्मार्ट बन रहे बच्चे

 भोपाल

महिला-बाल विकास विभाग द्वारा आँगनवाड़ी केन्द्रों को प्रारंभिक बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में परिवर्तित करने की राज्य सरकार की योजना साकार होती दिख रही है। आँगनवाड़ियों को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में परिवर्तित करने के बाद श्योपुर जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के बच्चे अब स्मार्ट बन रहे हैं।

ड्रेसकोड के साथ टेबल-कुर्सी पर चित्रों के जरिए शाला पूर्व शिक्षा लेते हुए छोटे बच्चे बॉयोमेट्रिक पद्धति से हाजरी लगाते हैं। श्योपुर के बस स्टेण्ड में शहरी क्षेत्र के अनुसूचित जनजाति बस्ती के वार्ड-17 के आँगनवाड़ी केन्द्र को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित करने के बाद केन्द्र की पूरी गतिविधियाँ बदली हुई दिखाई दे रही हैं। कुछ समय पहले तक इस केन्द्र में बच्चे नंगे पाँव पोषण आहार लेने आते थे। वहीं अब ये बच्चे किसी महंगे प्रायवेट प्ले स्कूल की तरह शानदार गणवेश में टेबल-कुर्सी पर बैठकर प्रारंभिक शिक्षा का लाभ ले रहे हैं। यहाँ बच्चों को पोषण आहार के साथ चित्रों के माध्यम से अक्षर ज्ञान कराया जा रहा है।

इण्डोर-आउटडोर खेलों की व्यवस्था

''आँगनवाड़ी बाल शिक्षा केन्द्र'-मस्ती की पाठशाला'' में बच्चों के लिये खिलौनों की व्यवस्था की गई है। आँगनवाड़ी की पेंटिंग इस तरह से की गई है कि वह बच्चों को आकर्षित करने के साथ ही अक्षर ज्ञान भी करवा रही है। जिला प्रशासन द्वारा आँगनवाड़ी के बाहर खेल मैदान के लिये जमीन सुरक्षित कर उसकी फेसिंग कराई गई है, जिससे बच्चे खेलने के साथ सुरक्षित भी रहें।

श्योपुर जिले के विकासखण्ड श्योपुर, कराहल एवं विजयपुर क्षेत्र में बाल शिक्षा केन्द्र प्रारंभ किये गये हैं। आँगनवाड़ी केन्द्रों की कार्यकर्ता एवं सहायिका को केन्द्रों में दर्ज बच्चों को उनके पालकों/अभिभावकों से चर्चा कर पाठशाला में निरन्तर भिजवाने की मुहिम चलाई जा रही है। केन्द्रों में आने वाले कमजोर बच्चों की ग्रेड में सुधार के लिये उन्हें पोषणयुक्त आहार भी दिया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *