अस्पताल में पैदा होने वाले बच्चों को देगी स्थाई जाति प्रमाण पत्र
रायपुर
छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार एक के बाद एक जन कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है. राज्य सरकार ने एक नई योजना अस्पताल में जन्म लेने वाले नवजात को स्थाई जाति प्रमाण पत्र देने की है. इस एक योजना के लागू होने से अस्पताल में पैदा होने वाले बच्चों को भविष्य में अपने जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नए अध्यक्ष और कोंडागांव क्षेत्र के विधायक ने अपने पहले ही प्रवास में इस योजना को शुरू करने के साथ ही पूरे देश में नवजात शिशुओ को जाति प्रमाण पत्र देने वाला पहला जिला बन गया. एडवोकेट तिलका पांडे ने कहा कि इस योजना का असर ग्रामीण इलाकों में ज्यादा पड़ेगा .लोगों का रुझान अस्पताल में की ओर होगा और असुरक्षित प्रसव के साथ साथ शिशु मृत्यु में कमी आएगी.
कांग्रेस के नए अध्यक्ष ने इस योजना की शुरूआत की
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवजात शिशु जाति प्रमाण पत्र वितरण योजना शुरू करने की घोषणा कर दी. पहली बार अपने क्षेत्र में पहुंचे विधायक और पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने जिला अस्पताल पहुंच कर इस योजना की शुरुआत की. मोहन मकराम ने यहां सात बच्चों को प्रमाण पत्र वितरित किया.
पीसीसी अध्यक्ष के प्रमाण पत्र देते ही कोंडागांव नवजात शिशुओ को जाति प्रमाण देने वाला देश का पहला जिला बन गया. कोंडागांव के एसडीएम टेकचंद अग्रवाल ने कहा अब भविष्य में लोगों को अपने बच्चो के जाति प्रमाण पत्र के लिए भटना नहीं पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि अभी तक लोगों को अपने बच्चों की जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए महीनों अधिकारियो और कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते थे. एसडीएम टेकचंद अग्रवाल ने कहा कि जिसके परिवार में जाति पत्र नहीं बना है, उन्हें बहुत परेशानी उठानी पड़ती है.
अस्पताल में जन्म लिए नवजात बच्चे को उसके पिता के जाति के आधार पर ही स्थाई जाति प्रमाण पत्र मिलेगा. 28 जून, 1 जुलाई एवं 2 जुलाई को जिला अस्पताल में जन्म लिए नवजात शिशुओं को पीसीसी अध्यक्ष और क्षेत्रीय विधायक मोहन मरकाम ने स्थाई जाति प्रमाण पत्र दिया.