‘असीमानंद को बरी किए जाने को चुनौती नहीं देगी NIA’

 
नई दिल्ली

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी समझौता ब्लास्ट मामले में स्वामी असीमानंद को बरी किए जाने को चुनौती नहीं देगी।  बात करते हुए उन्होंने कहा, 'कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। जो कोई इसके खिलाफ अपील करना चाहता है, वह कर सकता है।' 
 उनसे पूछा गया कि क्या सरकार इस फैसले के खिलाफ अपील करेगी। इस पर उन्होंने जवाब दिया, 'नहीं। सरकार क्यों अपील दाखिल करेगी? इसका कोई मतलब नहीं है'। उन्होंने समझौता ब्लास्ट में फिर से जांच की संभावनाओं को भी खारिज किया। उन्होंने कहा, 'एनआईए ने मामले की गहनता से जांच की है। उसके बाद ही चार्जशीट दाखिल की है। अब जब फैसला आ गया है तो उस पर भरोसा करना चाहिए।' 
 
जब बीजेपी विपक्ष में थी तो आरोप लगाया था कि असीमानंद एवं अन्यों को 'भगवा आतंकवाद' मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है। बीजेपी का कहना था कि 'अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण' की राजनीति के हिस्से के तौर पर जिहादी आतंकवाद से फर्जी संतुलन के लिए भगवा आतंकवाद की थिअरी गढ़ी गई थी। 

आपको बता दें कि धार्मिक उपदेशक के तौर पर कई उपनामों से पहचाने जाने वाले असीमानंद को पंचकूला की एक विशेष अदालत ने 20 मार्च को समझौता ट्रेन विस्फोट मामले में भी बरी कर दिया। असीमानंद को एक समय भारत में सबसे अधिक वांछित व्यक्ति के रूप में जाना जाता था। वर्ष 2007 में भारत में हुए तीन बम विस्फोटों में कथित भूमिका के लिए उनका नाम सामने आया था। 
 
कौन से तीन मामले?
भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली ट्रेन समझौता एक्सप्रेस में 17 और 18 फरवरी की दरम्यानी रात में विस्फोट हुआ, जिसमें 68 लोग मारे गए थे। इसके बाद 18 मई को हैदराबाद की मक्का मस्जिद में हुए विस्फोट में 9 लोग मारे गए थे। उसी साल अक्टूबर में अजमेर में ख्वाजा चिश्ती दरगाह पर हुए विस्फोट में तीन लोग मारे गए थे। करीब 67 वर्ष के असीमानंद इन तीनों आतंकवादी घटनाओं में बरी कर दिए गए हैं। 

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