अयोध्या मामले में मध्यस्थता पर आज फैसला सुना सकता है सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली
अयोध्या भूमि विवाद में मध्यस्थता को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट अहम फैसला सुना सकता है. इससे पहले बुधवार को शीर्ष कोर्ट ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद मध्यस्थता के लिए नाम मांगे थे. सुनवाई के दौरान जस्टिस बोबडे ने कहा है कि इस मामले में मध्यस्थता के लिए एक पैनल का गठन होना चाहिए. सभी पक्षों ने मध्यस्थता के लिए नाम दे दिए हैं.
  सभी पक्षों ने मध्यस्थता के लिए दिए नामहिंदू महासभा मध्यस्थता का विरोध कर रहा है. हालांकि, उसकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में मध्यस्थता के लिए नाम दिए गए हैं. इनमें पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा, पूर्व सीजेआई जेएस खेहर और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एके पटनायक शामिल हैं. वहीं, निर्मोही अखाड़ा की ओर से सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज कुरियन जोसेफ, एके पटनायक और जीएस सिंघवी का नाम दिया है. मुस्लिम पक्षकारों ने भी कोर्ट को नाम दिया है, लेकिन इसका खुलासा नहीं किया है. 
 आज आ सकता है मध्यस्थता को लेकर फैसलासुप्रीम कोर्ट आज अयोध्या मामले में मध्यस्थता पर अपना फैसला सुना सकता है. इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय पीठ ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद मध्यस्थता के लिए नाम सुझाने को कहा था. कोर्ट ने कहा था कि अगर एक प्रतिशत भी गुंजाइश होगी तो अदालत इस मामले को आपसी सहमति से सुलझाने की कोशिश करेगी. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार मामले के सभी पक्षकारों ने अपनी ओर से मध्यस्थों के नाम अदालत को दे दिए हैं.
बता दें, शीर्ष अदालत ने विवादास्पद 2.77 एकड़ भूमि तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर-बराबर बांटने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपील पर सुनवाई के दौरान मध्यस्थता के माध्यम से विवाद सुलझाने की संभावना तलाशने का सुझाव दिया था.

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