अमेरिका में फंसे भारतीय छात्रों की परेशानी बढ़ी, लगा गंभीर आरोप

नई दिल्ली 
अमेरिका में फंसे भारतीय छात्रों की परेशानी बढ़ गई है। अमेरिका प्रशासन ने आरोप लगाया है कि इन सभी छात्रों ने जानबूझकर फेक यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया था ताकि वे वहां गलत तरीके से रह सकें। सूत्रों के अनुसार, सोमवार को इस बारे में अमेरिका में जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट दी। इसके बाद इन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है। हालांकि विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि ये छात्र निर्दोष हैं।  

मालूम हो कि अमेरिका में 'पे ऐंड स्टे' यूनिवर्सिटी वीजा घोटाले में इमिग्रेशन और कस्टम्स विभाग ने बीते हफ्ते 129 भारतीय छात्रों को हिरासत में लिया था। इन छात्रों पर आरोप है कि इन्होंने अमेरिका में बसे रहने के लिए एक फर्जी यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। भारत सरकार का तर्क है कि भारतीय स्टूडेंट वहां हो रहे फ्रॉड में फंस गए, जिसमें इनका कोई हाथ नहीं था। इसके बाद विदेश मंत्रालय ने इन छात्रों को तुरंत मदद पहंचाने के लिए नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास को डेमार्श जारी किया था। ऐसा आग्रह विरले स्थिति में होता है। पिछले पांच सालों में अमेरिका सरकार के लिए यह पहला डेमार्श जारी हुआ था। 
लेकिन ताजा रिपोर्ट के बाद इन स्टूडेंट को तुरंत राहत मिलने की संभावना कम होने लगी है। 

अमेरिकी प्रशासन ने दावा किया कि उनके पास इन सभी स्टूडेंट के खिलाफ सबूत है कि उन्हें यूनिवर्सिटी के फेक होने के बारे में पहले से जानकारी दी गई थी और उन्हें संबंधित अधिकारियों के सामने पेश किया जाएगा। इसके पक्ष में उनपर किए गए स्टिंग टेप को जारी किया गया है। 
उधर इस मामले पर राजनीति भी तेज हो गयी है। 

कांग्रेस ने छात्रों को रिहा नहीं करा पाने को मोदी सरकार की विफलत बताया है। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि 128 भारतीय छात्रों को गलत तरीके से अमेरिका में फंसा दिया गया है और पीएम मोदी अमेरिकी प्रेजिडेंट डॉनल्ड ट्रंप से इस मुद्दे पर कब न्याय के लिए बात करेंगे। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इन स्टूडेंट के लिए सरकार उचित दबाव नहीं बना रही है। वहीं, विदेश मंत्रालय ने इन स्टूडेंट के बारे में अमेरिका में आई प्रतिकूल रिपोर्ट के बारे में कुछ भी जानकारी होने से इनकार किया। मंत्रालय सूत्रों के अनुसार बातचीत लगातार जारी है और अब तक 50 से अधिक छात्रों से संपर्क किया जा सका है। 

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