अमेरिका-चीन से संबंध सुधारना होगा मोदी सरकार का एजेंडा, सुरक्षा और व्यापार अहम मुद्दा

 नई दिल्ली
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का मुख्य एजेंडा अमेरिका और चीन के साथ रिश्तों को और मजबूत करना होगा। इसके तहत मोदी सितंबर और अक्तूबर में अमेरिका और चीन के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक कर सकते हैं। दोनों देशों के साथ बैठक का मुख्य एजेंडा सुरक्षा, व्यापार और अनसुलझे मुद्दे होंगे।

इस मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि मोदी सितंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय कर सकते हैं। राजनयिक चैनलों के माध्यम से बैठक की तारीख संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के समय के आसपास रखने की कोशिश की जा रही है। ट्रंप द्वारा मोदी को चुनावी जीत पर बधाई देने के दौरान ही 28-29 जून को जापानी शहर ओसाका में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में मिलने पर भी सहमति बनी। वहीं चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के मोदी के साथ दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए 11 अक्टूबर को भारत आने की उम्मीद है। बैठक में पिछले साल अप्रैल में वुहान में पहले अनौपचारिक शिखर सम्मेलन से बने महौल को आगे ले जाने की उम्मीद है।  

जून में बिश्केक में भी जिनपिंग से मिलेंगे
अनौपचारिक शिखर सम्मेलन से पहले मोदी और जिनपिंग किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में 13-14 जून को मिलेंगे।  इस बैठक के दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों और अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध जैसे हाल के मुद्दों के प्रभाव के बारे में समीक्षा भी करेंगे। हालांकि दोनों पक्ष दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए 11 अक्तूबर की तारीख पर सहमत हुए हैं।

मामले से जुड़े लोगों ने कहा कि अभी भी संभावना है कि तारीख को आगे बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही विदेश मंत्रालय का ध्यान अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए एक उपयुक्त स्थल चुनने पर केंद्रित है। अधिकारी ऐसे स्थान के बारे में सोच रहे जो कि भारत के लंबे सभ्यतागत इतिहास और संस्कृति को दर्शाता हो। साथ ही दोनों नेताओं को वन टू वन वार्ता के लिए भी समय दे। जैसा कि वुहान में हुआ था।

दो माह में तीन बड़े नेताओं से मिलेंगे
4-6 सितंबर को रूस के व्लादिवोस्तोक में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम का कार्यक्रम होना है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस कार्यक्रम में मोदी को मुख्य अतिथि बनने का न्योता दिया है। यदि मोदी मुख्य अतिथि बनने का आमंत्रण स्वीकार कर लेते हैं तो वह दो माह के भीतर ही दुनिया की तीन बड़े नेताओं से मिल लेंगे। 

बैठक के दौरान इन मुद्दों पर होगी चर्चा
सितंबर में मोदी और ट्रंप के बीच बैठक से पहले दोनों देश अमेरिका के एक प्रमुख मंत्री का नई दिल्ली का दौरा कराने की संभावना तलाश रहे हैं।  दोनों पक्षों ने दिसंबर या जनवरी में ट्रंप की पहली भारत यात्रा की संभावना पर भी चर्चा की है। ट्रंप और मोदी की बैठक में व्यापार संबंधों में हाल की अड़चनें, तरजीही राष्ट्र का दर्जा वापस लेने के अमेरिकी निर्णय, भारत को ईरानी तेल निर्यात पर प्रतिबंधों की छूट समाप्त करने, डेयरी उत्पादों के लिए भारतीय बाजारों तक अमेरिकी पहुंच की मांग और मेडिकल उपकरण का मुद्दा उठने की उम्मीद है। 

प्रीडेटर बी और एमक्यू-9 रीपर ड्रोन पर भी नजर
हाल के वर्षों में भारत और अमेरिका के बीच सुरक्षा और रक्षा संबंध तेजी से बढ़े हैं। इसके साथ ही भारत प्रीडेटर बी ड्रोन और एमक्यू-9 रीपर ड्रोन खरीदने की संभावनाओं पर नजर रखे हुए है। बैठक में दोनों पक्षों को भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए उनके संबंधित दृष्टिकोण और नीतियों पर चर्चा करने की अनुमति भी दी जाएगी। 

चीन के साथ भी व्यपार और सीमा अहम मुद्दे
दूसरा भारत-चीन अनौपचारिक शिखर सम्मेलन ऐसे समय हो रहा है जब बीजिंग ने पाक स्थित जैश ए मोहम्मद मसूद अजहर पर तकनीकी रोक वापस ले ली और उसे वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया गया। इससे दोनों पक्ष को महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे की भारत के 50 अरब डॉलर से अधिक के व्यापार घाटे और बाजार में पहुंच पर चर्चा करने का अवसर मिलेगा। इसके साथ ही सीमा विवाद और बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव पर चर्चा हो सकेगी।

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