अमेठी के अलावा मप्र की सुरक्षित सीट से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं राहुल गांधी

भोपाल
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अगले लोकसभा चुनाव में अपनी परंपरागत सीट अमेठी समेत तीन लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं। सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा जोरो पर चल रही है| मीडिया रिपोर्ट्स में महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण के गृह नगर नांदेड़ के साथ ही मध्य प्रदेश में किसी सुरक्षित सीट से उनके चुनाव लडऩे की चर्चा है। मप्र कांग्रेस उनके लिए सुरिक्षत सीट की तलाश में है। संभवत: वे मप्र की छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ सकते हैं। जहां से मुख्यमंत्री कमलनाथ सांसद हैं। 

मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ अब विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। इसके लिए सुरक्षित सीट की तलाश कर ली गई है। वे छिंदवाड़ा जिले की किसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। ऐसी स्थिति में कांग्रेस को छिंदवाड़ा से प्रत्याशी उतारना पड़ेगा। चूंकि छिंदवाड़ा कांग्रेस की सबसे सुरक्षित सीट हैं। इसके अलावा वे गुना सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं। तब वर्तमान सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर लोकसभा से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। 

राहुल के नांदेड़ से चुनाव लडऩे की अटकलों को अशोक चव्हाण के बयान से बल मिला है। एनबीटी की खबर के अनुसार राहुल गांधी वह किसी भी लोकसभा सीट से सफलतापूर्वक लड़ सकते हैं। अगर वह नांदेड़ से चुनाव लडऩे का फैसला करते हैं तो उनका बहुत स्वागत है। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान चव्हाण नांदेड़ सीट से निर्वाचित हुए थे। एक महीने पहले जब चव्हाण ने पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी तो उनसे कार्यकर्ताओं ने राज्य में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनावों पर फोकस करने की अपील की थी, जिससे कि वह मुख्यमंत्री पद की रेस में प्रमुख दावेदार हों। 

राहुल गांधी ने मार्च 2004 में राजनीति में एंट्री का ऐलान किया था। वह लगातार तीन बार से उत्तर प्रदेश के अमेठी लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। वह पहली बार इस सीट से मई 2004 में निर्वाचित हुए थे। इसके बाद 2009 का चुनाव भी उन्होंने अमेठी से ही जीता था। 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के दौरान बीजेपी ने अमेठी से स्मृति इरानी को उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया था। 

इससे पहले हुए दो लोकसभा चुनावों के दौरान राहुल ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को करीब 3 लाख या उससे ज्यादा वोटों के अंतर से मात दी थी। 2004 में वह 2 लाख 90 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से जीते थे, जबकि 2009 के चुनाव में भी उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 3 लाख 70 हजार से ज्यादा मतों से हराया था। हालांकि 2014 में स्मृति ने उन्हें कड़ी टक्कर दी और राहुल की जीत का अंतर घटकर करीब 1 लाख 7 हजार वोट पहुंच गया। माना जा रहा है कि इस बार भी स्मृति अमेठी से ही चुनाव लडऩे की तैयारी में हैं और लगातार वहां का दौरा कर रही हैं। 

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