अब हाईकोर्ट में ई फाइलिंग के माध्यम से होंगे केस फाइल, इलेक्ट्रानिक फाइलिंग नियम 2020 लागू
भोपाल
हाईकोर्ट में अब ई फाइलिंग के माध्यम से भी केस फाइल किए जा सकेंगे। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने इसके लिए इलेक्ट्रानिक फाइलिंग (ई फाइलिंग) नियम 2020 बनाए हैं। इन नियमों में प्रावधान किया गया है कि सभी याचिकाएं, आवेदन, अंतरिम आवेदन, अपील, नवीन एवं लंबित या निराकृत प्रकरणों के अन्य दस्तावेज इलेक्ट्रानिक रूप से फाइल किए जा सकेंगे। इलेक्ट्रानिक फाइल दस्तावेज का वही विधिक प्रभाव होगा जैसा कि किसी दस्तावेज का कागज प्रारूप में होता है।
हाईकोर्ट के द्वारा बनाए गए इन नियमों को लागू कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि पक्षकार और अधिवक्ता अत्यावश्यक मामलों में ई फाइलिंग के तीन और साधारण मामलों में सात कार्यदिवस में हार्ड कापी फाइल करेंगे। हार्ड कापी फाइल करने का ही केस फाइल करने की तारीख मानी जाएगी। ई फाइल करने की तारीख परिसीमा अवधि की गणना करने के लिए फाइल करने की तारीख मानी जाएगी। फाइल करने वाले व्यक्ति के ई मेल और मोबाइल पर आने वाले एसएमएस के जरिये यह पुष्ट होगा कि केस ई फाइल हो गया है।
इन नियमों में कहा गया है कि ई फाइलिंग सिस्टम में एचसीसीएमआईएस में पंजीकृत, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में व्यवसायरत अधिवक्ताओं और स्वयं पक्षकारों के लिए पंजीकृत करने के लिए प्रभावी रहेगा। ई फाइल करने वाले को हाईकोर्ट की वेबसाइट के माध्यम से आनलाइन पंजीकरण करना होगा।
एक खास बात यह भी है कि ई फाइल दिन, रात के चौबीस घंटे सप्ताह के सातों दिन किसी भी समय किए जा सकेंगे। इसमें यह भी कहा गया है कि अगर किसी दस्तावेज का नोटरीकृत, अभिस्वीकृत, सत्यापित या शपथ पर दिया जाना जरूरी है तो हाथों से हस्ताक्षर किए जाकर ई फाइलिंग में स्केन किए जाएंगे। इस पूरी प्रक्रिया में कोर्ट द्वारा तय पेमेंट कोड के जरिये न्याय शुल्क जमा किया जाएगा। नियमों में कहा गया है कि किसी प्रकरण में इलेक्ट्रानिक तौर पर पेश दस्तावेज और अभिवचन केवल पक्षकारों के अधिवक्ता स्वयं संबंधित पक्षकारों को मिलेंगे।
यदि यूजर कोई संस्था, प्राधिकरण, महाविद्यालय, विद्यालय, विश्वविद्यालय, कंपनी, निगम, बैंक, सहकारी संस्था, गैर सरकारी संगठन आदि है तो सीएमआईएस साफ्टवेटर पर लॉगिन आईडी बनाने के लिए उसका पता, अधिकृत व्यक्तियों की सूची, ई मेल और मोबाइल नम्बर देना होगा। यदि यूजर कोई व्यक्ति है तो सीएमआईएस साफ्टवेयर पर आईडी बनाने के लिए उसका पैन नम्बर, आधार नम्बर, वोटर आईडी, मोबाइल नम्बर, ई मेल आईडी देना जरूरी होगा।
जब कोई पक्षकार आवेदन या दस्तावेज फाइल करेगा तो उसे वर्ड प्रोसेसिंग साफ्टवेयर का उपयोग करते हुए उसी प्रारूप में दस्तावेज समेत अन्य सामग्री तैयार करनी होगी। इसके लिए पेज साइज व अन्य प्रक्रिया भी तय की गई है। अपलोड की जाने वाली सामग्री 20 एमबी फाइल होगी और अगर फाइल बड़ी है तो अलग से अपलोड की जा सकेगी। इसमें पक्षकार या वकील के डिजिटल साइन भी जरूरी रहेंगे।