अब हर मुश्किल का एक ही इमरजेंसी नंबर : डायल करना होगा ‘112’

भोपाल
मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में जल्द ही 112 इमरजेंसी नंबर शुरू हो जाएगा. ज़रूरतमंद लोगों को  इमरजेंसी नंबर (Emergency number) 112 डायल करना होगा. इसमें अब तक की सारी सेवाओं के इमरजेंसी नंबर मर्ज किए जा रहे हैं. आम जनता को पुलिस, एंबुलेंस, आपदा, महिला सुरक्षा और फायर ब्रिगेड (Police, Ambulance, Disaster, Women's Safety and Fire Brigade) की मदद लेना है, तो उसे अलग-अलग हेल्पलाइन नंबर (helpline) का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा.

112 नंबर में पुलिस का 100, एंबुलेंस का 108, आपदा का 107, वुमन हेल्पलाइन का 1090 और फायर ब्रिगेड का 101 इमरजेंसी सब शामिल हैं. इनसे संबंधित मदद की ज़रूरत पड़ने पर अब सिर्फ 112 नंबर डायल करना होगा.

केंद्र सरकार की ओर से नेशनल इमरजेंसी रिस्पांस सर्विस नंबर शुरू करने के बाद मध्य प्रदेश पुलिस भी उसके साथ आ गयी है. मध्यप्रदेश में पुलिस की टेलीकॉम शाखा को नोडल एजेंसी बनाया गया है.इन सभी नंबर्स को जल्द ही डिपो चौराहा स्थित इंटिग्रेटेड कंट्रोल रूम से जोड़ दिया जाएगा, ताकि किसी भी हेल्पलाइन नंबर पर आने वाले फोन कॉल को इस पर डायवर्ट किया जा सके. बताया जा रहा है कि फरवरी से 112 इमरजेंसी नंबर की सुविधा मध्यप्रदेश के साथ यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलागाना और केंद्र शासित प्रदेशों में भी शुरू हो जाएगी. अभी यह सुविधा हिमाचल प्रदेश और नागालैंड में शुरू हो चुकी है.मध्यप्रदेश में भी इमरजेंसी के लिए एक की नंबर 112 होगा.यदि आम जनता को पुलिस, एंबुलेंस, आपदा, महिला सुरक्षा और फायर ब्रिगेड की मदद लेना है, तो उसे अलग-अलग हेल्पलाइन नंबर का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा.112 नंबर के कंट्रोल रूम में नेटवर्किंग और तकनीकी काम शुरू हो चुका है.

SDRF एडीजी डीसी सागर के मुताबिक 112 इमरजेंसी नंबर को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कोशिश की जा रही है. नेटवर्किंग और तकनीकी काम पूरा होने के बाद SDRF सबसे पहले इस नंबर से कनेक्ट होगा. आपदा की स्थिति में लोगों को इसी नंबर पर डायल करना होगा. उन्होंने कहा आपदा के 107 नंबर पर जन समस्याओं का निपटारा होता है. 112 से कनेक्ट होने के बाद कंट्रोल रूम में सूचना आएगी और उसी के आधार पर मदद पहुंचायी जाएगी.

महिला सुरक्षा के लिए 112 एप भी बनाया गया है. इसे डाउनलोड करने के बाद उसमें 10 परिवार, दोस्तों के नंबर जोड़े जा सकते हैं.जब 112 डायल किया जाएगा, तो इससे जुड़े सभी नंबरों को भी इसकी सूचना मिल जाएगी. इस एप में ऐसी सुविधा रहेगी कि जीपीएस या फिर मोबाइल टावर के जरिए शिकायतकर्ता की लोकेशन भी ट्रेस हो जाएगी. एप में पैनिक बटन होगा जिसे दबाने से ये पता चल जाएगा कि फौरन मदद पहुंचायी जाना है. पुलिस अधिकारियों का कहना है जब तक 112 नंबर से पूरी तरह कनेक्ट नहीं हो जाते, तब तक पुलिस हेल्पलाइन नंबर 100 और दूसरी इमरजेंसी सुविधा चालू रहेंगी.112 नंबर का प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा ताकि आम लोगों को इसके बारे में पता चल सके.

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