एक और घड़ियाल की मौत, जबलपुर के वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट पहुंचे चंबल अभयारण्य

चंबल
राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य में घड़ियालों में बॉस्किंग (धूप नहीं सेक पाने से) का अभाव होने से कल एक और घड़ियाल ने दम तोड़ दिया। एक के बाद एक कर अब तक राष्टÑीय चंबल अभयारण्य में 6 घड़ियालों की मौत होने के बाद वन विभाग ने जबलपुर के वाइल्ड एक्सपटर्स एवं एसडब्ल्यूएफएच के पूर्व निदेशक डॉ. एबी श्रीवास्तव की मदद ली है। 

वहीं विभाग ने फरवरी तक के लिए घड़ियालों को शिफ्ट करने की योजना पर रोक लगा दी है। वन विभाग के अधिकारी इस बात को लेकर टेंशन में है कि इनकी मौत के कारण कहीं सेंचुरी में दूसरी बीमारियां इन घड़ियालों को न ले लें। लिहाजा एक्सपटर्स ने हाईजीन को विशेषतौर पर मेनटेन करने के लिए निर्देशित किया है। 

कल हुई घड़ियाल की मौत के बाद सेंचुरी प्रबंधन ने इसका पीएम वाइल्ड लाइफ एक्सर्पट डॉ. एबी श्रीवास्तव से करवाया। डॉ. श्रीवास्तव ने प्रदेश टुडे को बताया कि प्रथम दृष्टया में यह बात सामने आई कि घड़ियाल ठीक तरह से बॉस्किंग नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में उनके शरीर का टेम्प्रेचर मेनटेन नहीं हो पाता है। इसकी चपेट में सबसे ज्यादा सब एडल्ट घड़ियाल आते हैं। हमने सेंचुरी ओर वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर इससे बचाव के उपाए बताए हैं। 

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