अब जनसंख्या नियंत्रण को बड़ा अजेंडा बनाने की तैयारी, BJP सांसद ला सकते हैं प्रस्ताव

 नई दिल्ली 
बीजेपी और संघ अब जनसंख्या नियंत्रण को बड़ा अजेंडा बनाकर पेश करने की तैयारी कर रहे हैं। बीजेपी के एमपी राकेश सिन्हा शुक्रवार को इससे जुड़ा प्राइवेट मेंबर बिल भी पेश कर सकते हैं। इस बिल में प्रस्ताव है कि समुदाय,क्षेत्र या जाति सभी स्तरों पर इसे समान रूप से लागू किया जाए। इसके अलावा दो बच्चों के बाद नसबंदी का भी प्रस्ताव है। 

 
सभी कॉमेंट्स देखैंअपना कॉमेंट लिखेंसूत्रों के अनुसार, इस बिल पर चर्चा के दौरान बीजेपी भी अपनी मंशा दिखा सकती है। इस बिल में कहा गया है कि 1999 में करुणाकरण कमिटी ने जाे जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में जो सुझाव दिए थे उसे ही लागू किया जाय। मालूम हो कि मोदी सरकार के दूसरे टर्म में सत्ता में आने के बाद इस मुद्दे पर काफी सक्रियता दिखाई जा रही है। राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद हुए बहस में सत्तारूढ़ पार्टी के पांच सांसदों ने देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून की जरूरत पर प्रकाश डाला था। 

संघ का भी पुराना अजेंडा 
जनसंख्या नियंत्रण कानून राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अजेंडे में भी शामिल है। संघ कई बार इसे लेकर मुखर होता रहा है। संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल में जनसंख्या नीति का पुनर्निर्धारण कर नीति को सभी पर समान रूप से लागू करने का प्रस्ताव भी पास किया जा चुका है। संघ के प्रस्ताव में कहा गया कि अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल सभी स्वयंसेवकों सहित देशवासियों का आह्वान करता है कि वे अपना राष्ट्रीय कर्तव्य मानकर, जनसंख्या में असंतुलन उत्पन्न कर रहे सभी कारणों की पहचान करते हुए जनजागरण के जरिए देश को जनसंख्या के असंतुलन से बचाने के सभी कानून सम्मत कोशिश करें।पिछले साल सितंबर में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने तीन दिन की लेक्चर सीरीज के बाद कई सवालों के जवाब दिए। इस दौरान उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण से जुड़े सवाल का भी जवाब दिया। 

उनसे पूछा गया कि क्या जनंख्या नियंत्रण का कानून आना चाहिए? जिसके जवाब में संघ प्रमुख ने कहा कि जनसंख्या के बारे में जो नीति है उस पर फिर से विचार करना चाहिए कि वह अगले 50 साल के हिसाब से हो। जो भी नीति बनती है उसे सब पर समान रूप से लागू किया जाए किसी को छूट ना हो। जहां समस्या है वहां पहले उपाय हो। जहां बच्चों में पालन करने की क्षमता नहीं है ज्यादा बच्चे पैदा हो रहे हैं तो पहले वहां लागू हो। कानून के साथ ही सबका मन बनाना पड़ेगा। डेमोग्राफिक असंतुलन मतांतरण की वजह से भी होता है और घुसपैठ की वजह से भी। यह देश की संप्रुभता को चुनौती देता है इसका कड़ाई से बंदोबस्त होना चाहिए। 
 

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