अफसरों द्वारा की जाने वाली लापरवाही से सुप्रीम कोर्ट नाराज

भोपाल
पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन (PIL) दायर किए जाने के मामलों में MP सरकार के अफसरों द्वारा की जाने वाली लापरवाही से सुप्रीम कोर्ट नाराज है। इस तरह के हालातों पर नियंत्रण के लिए सुप्रीम कोर्ट के वकील ने एमपी सरकार को चिट्ठी भी लिखी है लेकिन अधिकारियों ने इस ओर गंभीरता नहीं दिखाई। कोरोना संक्रमण में अनलॉक -1 शुरू होने के बाद अब इस मामले में एक बार फिर सख्ती से काम करने को कहा गया है।

विधि और विधायी कार्य विभाग के द्वारा इसको लेकर जीएडी को लिखे पत्र में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में स्थायी अधिवक्ता राहुल कौशिक ने सुप्रीम कोर्ट में एमपी सरकार के अफसरों की नाराजगी को लेकर पिछले दिनों चिट्ठी लिखी है। इसके बाद भी अधिकारी नहीं सुधरे हैं और ताजा मामला स्कूल शिक्षा विभाग का सामने आया है।

राज्य शिक्षा केंद्र ने पीआईएल में ऐसी ही लापरवाही के मामले में संचालक/प्राचार्य राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान जबलपुर, प्रगत अध्ययन शिक्षा संस्थान जबलपुर और भोपाल, आंग्ल भाषा शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान भोपाल, पूर्व माध्यमिक शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान जबलपुर, शासकीय शिक्षा मनोविज्ञान एवं संदर्शन महाविद्यालय जबलपुर, सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, जिला परियोजना समन्वयक, जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी को चिट्ठी लिखी है। इसमें समय पर नोटिस तामील नहीं किए जाने का मसला भी गंभीरता से लेने को कहा गया है।

 बताया गया कि कोर्ट ने याचिका कर्ताओं के पते में परिवर्तन होने से उन तक सूचना पत्र नहीं पहुंचते या प्रतिवादी की मौत के कारण उनके स्थान पर विधिक प्रतिनिधि की कार्रवाई नहीं होने को संज्ञान में लिया है। गौरतलब है कि इसको लेकर जीएडी भी सभी विभागों के प्रमुख सचिवों, सचिवों को निर्देश दे चुका है कि इस तरह की लापरवाही न की जाए और गंभीरता से कोर्ट के संज्ञान के मसलों में कार्यवाही की जाए।

 

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