अपनों से जूझ रहे हैं बीजेपी प्रत्याशी, कांग्रेस ने कहा-ये तो आत्मघाती दस्ता’

ग्वालियर 
ग्वालियर में बीजेपी प्रत्याशी विवेक शेजवलकर के लिए अपनों की नाराज़गी भारी पड़ रही है. प्रदेश के पूर्वमंत्री नारायण सिंह कुशवाहा टिकट न मिलने से नाराज हैं, तो वहीं सांसद अनूप मिश्रा मुरैना से टिकट कटने और ग्वालियर में मौका न मिलने से खफा चल रहे हैं. ग्वालियर में होने के बावजूद दोनों नेताओं ने बीजेपी के प्रचार से किनारा कर लिया है. बीजेपी को अपनों की नाराजगी का खामियाज़ा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है.कांग्रेस तो इसे बीजेपी का आत्मघाती दस्ता कह रही है.

ग्वालियर लोकसभा सीट पर बीजेपी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. वर्तमान सांसद नरेंद्र सिंह तोमर भितरघात के डर से ग्वालियर छोड़ मुरैना चले गए हैं. ग्वालियर में अपना किला बचाने के लिए पार्टी ने संघ की पसंद विवेक शेजवलकर को मैदान में उतारा है. नामांकन के दौरान शेजवलकर के साथ सिर्फ नरेंद्र सिंह तोमर ही नज़र आए. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने शेजवलकर के लिए सभा ली थी.
लेकिन अब प्रचार शुरू होने के बाद बीजेपी के सामने अपने नाराज़ नेताओं को मनाने की समस्या खड़ी हुई है.

नाराज़ नंबर 1- नारायण सिंह कुशवाहा
ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट से लगातार तीन बार विधायक और दो बार मंत्री रहे नारायण सिंह कुशवाहा नाराज़ चल रहे हैं. विधानसभा चुनाव हार चुके नारायण सिंह कुशवाहा को उम्मीद थी कि ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र में पांच लाख से ज्यादा पिछड़ी जाति और ढाई लाख कुशवाहा वोटर के कारण उन्हें टिकट मिल सकता है. विवेक शेजलवकर को टिकट मिलते ही नारायण कुशवाहा अंडरग्राउंड हो गए.दो दिन पहले ग्वालियर दक्षिण विधानसभा में लोकसभा प्रत्याशी के लिए हुई कार्यकर्ता बैठक में भी कुशवाहा नही पहुंचे.

नाराज़ नंबर 02- अनूप मिश्रा, सांसद
ग्वालियर जिले की विभिन्न सीटों पर चार बार विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री रहे अनूप मिश्रा वर्तमान में मुरैना से सांसद हैं. मुरैना से टिकट कटने के बाद उन्हें ग्वालियर लोकसभा सीट से टिकट मिलने की आस थी. यही वजह है कि पिछले महीने नरेंद्र तोमर के मुरैना से लड़ने की सुगबुगाहट थी तो अनूप मिश्रा ने नरेंद्र तोमर से गठजोड़ बनाया और ग्वालियर शहर में सिंधिया के खिलाफ बड़ा जन आंदोलन किया. जब तक ग्वालियर से बीजेपी का टिकट फायनल नहीं हुआ तब तक अनूप मिश्रा बीजेपी के आंदोलन, बैठक में शामिल होते रहे.

ग्वालियर में टिकिट के लिए काफी खींचतान थी. यशोधरा, मायासिंह, अनूप मिश्रा, नारायण सिंह कुशवाह की चर्चा होती रही. लेकिन संघ की पंसद को देखते हुए बीजेपी ने मेयर विवेक शेजवलकर को उतार दिया. शेजवलकर खानदानी नेता हैं, शहरी मतदाताओं से वो सीधे जुड़े हैं. लेकिन लोकसभा क्षेत्र के ग्रामीण मतदाताओं को साधना उनके लिए चुनौती है.अब अपनों की नाराज़गी से भी बीजेपी डर रही है.

शेजवलकर अकेले ही प्रचार में जुटे हैं. काफी मान-मनौव्वल के बावजूद अनूप मिश्रा और नारायण सिंह कुशवाहा ग्वालियर में होने के बावजूद दूरी बनाए हुए हैं. ग्वालियर सीट पर 12 साल से बीजेपी का कब्जा है, लेकिन पिछले तीनों चुनावों में शिवराज, मोदी लहर के बावजूद जीत का अंतर काफी कम रहा.

ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र
कुल मतदाता- 19 लाख 29 हजार 786 ( ग्वालियर लोक सभा)
कुल 8 विधानसभा
2018 विधानसभा चुनाव- बीजेपी- 01 सीट, कांग्रेस- 07 सीट

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