अनुच्छेद 370 पर बोले कुमार विश्वास- इंजेक्शन लगा है तो थोड़ा सा दर्द तो होगा

 
नई दिल्ली 

अनुच्छेद 370 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल संसद के दोनों सदनों में पास हो गया. मंगलवार को लोकसभा में इस पर खूब चर्चा हुई. कवि और नेता कुमार विश्वास ने इस पर कहा है, यह शल्य चिकित्सा वर्षो से लंबित थी भारत माता के माथे में माइग्रेन था, छोटी-छोटी मीठी गोलियों से इन्हें ठीक किया जा रहा था… मगर देश के दो कुशल सर्जनों ने कोशिश करके इस माइग्रेन को बाहर निकाल दिया है. अम्मा हमारी खुश है, स्वस्थ है, सब कुछ बहुत अच्छा होगा.

वहीं अधीर रंजन चौधरी पर भी उन्होंने निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अधीर रंजन चौधरी ऐसा कैसे कह सकते हैं कि यह मसला यूनाइटेड नेशंस में चला गया. यही भाषा तो पाकिस्तान बोल रहा है. जिसके पास शक्ति होती है उसी के साथ विश्व चलता है, तो ऐसे में यूनाइटेड नेशंस कहां से बीच में आ गया? उस समय एक गलती हो गई थी अब यूनाइटेड नेशन दफ्तर को फेयरवेल का गिफ्ट दीजिए. 

 
कुमार विश्वास ने आगे कहा, हमारे कई बुद्धिजीवी विलाप कर रहे हैं कि वहां पर इंटरनेट कट गया है. कुछ घंटों के लिए संपर्क कटा है. विस्थापितों की तरह उनका जीवन नहीं कटा है. विस्थापितों का तो सब कुछ कट गया है उनका तो सिर्फ संपर्क कटा है. वे लाखों लोग जिन्हें रात में कहा गया अपनी बहन, बेटी, प्रॉपर्टी छोड़कर सब निकल जाओ, उनका क्या? अब इंजेक्शन लगा है तो थोड़ा सा दर्द तो होगा ही. कश्मीर के लोगों को 10-15 राजनीतिक लफंगों ने बंधक बनाया हुआ है, हिंदुस्तान और पाकिस्तान के कुछ लोग उन्हें सपोर्ट करते हैं.
वहीं महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा- महबूबा मुफ्ती की बेटी सना विदेश की यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं. मैं महबूबा जी से अनुरोध करता हूं कि सना जी को 500 प्रति व्यक्ति वाली उसी स्कीम में शामिल करवाएं जिनमें लड़कियां पत्थर फेंकती हैं, इनके खुद के बच्चे दुबई लंदन अमेरिका में पढ़ेंगे और कश्मीरी का बच्चा उसे नौकरी नहीं मिलेगी और उसे 100 देकर पत्थर फिंकवाएंगे.

70 साल से जो नरक हम भोग रहे थे उसका उपचार हुआ है वह मोदी ने कर दिया अमित शाह ने कर दिया या कांग्रेस ने कर दिया जो भी है, तारीफ की बात है. विधानसभा भंग हो गई है इस पर बहस होनी चाहिए मगर 370 पर बहस नहीं होनी चाहिए. कुछ लोग कह रहे हैं कि यह फलस्तीन की तरह होगा. मैं पूछना चाहता हूं कि भारत भी अपने संकल्पों को इजरायल की तरह खोल दे क्या? इमरान खान को बेचैनी है, पाकिस्तान को बेचैनी है उनकी दुकान बंद हो रही है.

कुमार विश्वास ने उन लोगों की भी आलोचना की जो प्लॉट और शादी की बातें कर रहे हैं. उन्होंने नरेंद्र मोदी और अमित शाह को भी बधाई दी. साथ ही उन्होंने मायावती अखिलेश यादव को भी बधाई दी. अंत में कुमार विश्वास ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी याद किया. उन्होंने कहा- अटल जी को याद कीजिए, सरकारें आएंगी… जाएंगी… सत्ता का खेल चलता रहेगा, मगर यह देश रहना चाहिए इसका लोकतंत्र रहना चाहिए.

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