अतिथि शिक्षकों ने अब बढ़ाई कमलनाथ सरकार की मुश्किलें, नियमित करने को लेकर शुरू करेंगे प्रदर्शन

भोपाल
नियमितीकरण की मांग (Regularisation) को लेकर अतिथि विद्वानों के बाद अब अतिथि शिक्षकों (Guest teachers) ने कमलनाथ सरकार (Kamalnath Government) का सिरदर्द बढ़ा दिया है. अतिथि शिक्षकों ने भी सरकार को अपना वादा याद दिलाने के लिए भोपाल (Bhopal) में धरना देने का फैसला किया है. अतिथि शिक्षक शाहजहांनी पार्क में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं. अतिथि शिक्षक सरकार को अपना वादा याद दिलाने भोपाल में डेरा डाले है. इन शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने वचन पत्र में 90 दिन में नियमित करने का वादा किया था. लेकिन अब तक यह कार्रवाई नहीं की गई है.

अतिथि शिक्षकों का कहना है कि नियमित करने की मांग को लेकर वे दो बार भोपाल में धरना दे चुके हैं. हर बार आश्वासन देकर बात को टाल दिया जाता रहा है. लेकिन इस बार नियमित करने को लेकर धरना जब तक चलेगा जब तक कि कोई फैसला नहीं आ जाता है. अब तक अतिथि शिक्षकों को 2500 से 3 हजार रुपए ही वेतन भुगतान होता है. शिक्षकों का कहना है कि इसके कारण काफी मुश्किलें हो रही हैं. पूरा एक साल बीतने के बाद भी सरकार को अपना वादा याद नहीं आ रहा है.

अतिथि विद्वान 20 दिनों से कड़ाके की सर्दी में शाहजहांनी पार्क में सरकार के खिलाफ हल्ला बोल रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी नियमित करने की मांग पर अमल नहीं हुआ है. वहीं च्वाइस फिलिंग के बाद भी अतिथि विद्वानों को बाहर का रास्ता दिखा गया है. अब उच्च शिक्षा विभाग ने एक और नया फरमान अतिथि विद्वानों के लिए जारी कर दिया है. नए फरमान में कहा गया है कि जो भी अतिथि विद्वान कॉलेजों में 20 दिन से कम पढ़ाएगा या 20 दिन से कम पीरियड लेगा, उन्हें 1500 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान नहीं किया जाएगा. यानी उपस्थिति के हिसाब से ही भुगतान होगा. साथ ही यह भी कहा गया है कि अतिथि विद्वानों को महीने में 30 हजार से ज्यादा वेतन नहीं दिया जाएगा. इस फरमान को अतिथि विद्वानों ने द्वेषपूर्ण राजनीति बताते हुए आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है.

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