अतिक्रमण हटाने पहुंची निगम की टीम पर हमला, मारपीट-पथराव, वाटर केनन का प्रयोग, 10 घायल

खरगोन
मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में शुक्रवार को नगर निगम का अमला अतिक्रमण हटाने पहुंचा तो रहवासियों ने टीम पर पथराव करना शुरु कर दिया। कर्मचारियों व रहवासियों में पुलिस की मौजूदगी में जमकर मारपीट हुई।  पथराव के लिए कर्मचारियों ने भी पत्थर फेंकने शुरु कर दिए। जिससे गुस्साएं रहवासी  लट्‌ठ लेकर कर्मचारियों को मारने दौड़े।इसमें कई लोग घायल हो गए।इसके बाद  वाटर केनन से की पानी की बौछारें की गई और लोग तीतर-बितर हो गए।  मामला बढ़ता देख पुलिस ने मोर्चा संभाला और सभी को शांत करवाया।

दरअसल, नपा की जमीन पर 30 साल से ज्यादा समय से 70 परिवार रह रहे थे। 49 परिवारों के पास अस्थायी पट्‌टे हैं। नपा अपनी जमीन पर 10 साल से इन्हें हटाकर अन्य जगह पर जमीन देने की कवायद कर रहे हैं। लोग कोर्ट में भी गए, लेकिन वहां से केस हार गए। इसके बाद शुक्रवार को दल गायत्री मंदिर तिराहा स्थित राजेंद्रनगर में लगातार दूसरी बार उन्हें हटाने पहुंचा। इस दौरान नपा अमले को रहवासियों के विरोध का सामना करना पड़ा। कुछ शरारती तत्वों ने अमले पर पत्थर भी फेंके । नपा स्वास्थ्य अधिकारी प्रकाश चित्ते और उपयंत्री शैलेंद्र लोधी व तीन अन्य कर्मचारी पत्थर लगने से घायल हुए।

इसके बाद रहवासियों और नपाकर्मियों के बीच जमकर झूमाझटकी हुई।  इसमें स्वास्थ्य निरीक्षक प्रकाश चित्ते व इंजीनियर शैलेंद्र लोधी सहित 4 नपाकर्मी व 10 से ज्यादा लोगों को हल्की चोट आई हैं। वही लोगों के पथराव के चलते कर्मचारियों को बचाव में पत्थर फेंकने पड़े,गुस्से में रहवासी सोनू अग्निशामक वाहन के सामने लेटकर प्रदर्शन करने लगा। वाहन पर पत्थर मारे। ड्रायवर ने मुश्किल से बचाव किया। उसकी कुछ कर्मचारियों ने पिटाई कर दी और वह घायल हो गया। उसे जिला अस्पताल पहुंचाया गया। सूचना मिलते ही एसडीएम अभिषेक गेहलोत, डिप्टी कलेक्टर त्रिलोचन गौड़, एसडीओपी ग्लेडविनकार, सीएमओ निशिकांत शुक्ला मौके पर पहुंचे। विरोध कर रहे लोगों को खदेड़ने के लिए फायर फाइटर से प्रेशर से पानी का छिड़काव किया गया।बाद में सख्ती देखकर रहवासी नरम पड़े। वे खुद सामान हटाने लगे। मुख्य मार्ग पर बने शोभा बाई के मकान को पहले तोड़ा गया। इसके बाद अन्य मकानों को जमींदोज किया गया। कार्रवाई के दौरान थाना प्रभारी हाकमसिंह पवार पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद रहे।

वहीं नगर पालिका के अधिकारियों का कहना है कि पिछले कई दिनों से नगर पालिका ने नोटिस के जरिए इन्हें बस्ती खाली करने के नोटिस दिए थे ।मगर अपनी मांगों को लेकर यहां से जाने के लिए तैयार नहीं थे ।हमने इन्हें रहने के लिए उचित जगह दे दी है । मगर यह वहां पर नहीं जा रहे हैं ।इसलिए  बलपूर्वक इन्हें हटाया जा रहा है।यहां पर तकरीबन 50 से 60 परिवार निवासरत है।

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