अगल-बगल के बच्चों को झूठा-सच्चा पढ़ाकर बैठा देते हो, फिर जवाब हमें देना पड़ता है

ग्वालियर
आपके यहां 40 बच्चे रजिस्टर्ड हैं, जबकि यहां तो केवल 25 ही दिखाई दे रहे हैं। आप बोल रही हो कि बच्चों ने खिचड़ी खाई है, जबकि ये बच्चे कुछ देर पहले ही आए हैं। बच्चे बता रहे हैं कि उन्होंने कुछ नहीं खाया है। आप लोग अगल-बगल के बच्चों को झूठा-सच्चा पढ़ाकर बैठा देते हो, फिर जवाब हमें देना पड़ता है। अब यह तो बच्चे हैं, झूठ तो बोलेंगे नहीं, ये तो सच बता ही देंगे।

महिला बाल विकास मंत्री ईमरती देवी ने इंद्रा नगर स्थित आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र के निरीक्षण के दौरान यह बात आशा कार्यकर्ता पुष्पा पाराशर से नाराजगी जाहिर करते हुए कही। मंत्री जब यहां पहुंचीं तो आशा कार्यकर्ता ने बताया कि 130 बच्चे हैं, इस पर मंत्री ने कहा कि यहां तो केवल 25 बच्चे ही दिख रहे हैं। इस पर महिला बाल विकास अधिकारी राजीव सिंह ने कहा कि 3 से 6 साल के बच्चे डेली नहीं आते हैं। आशा कार्यकर्ता ने बताया कि बच्चे तो 40 ही रजिस्टर्ड हैं। मंत्री ने मौनी नाम के बच्चे से बात की तो बताया कि वह सुबह 9.30 बजे से एक बजे तक स्कूल जाता है। मंत्री ने कहा कि जब स्कूल जाते हो तो यहां कैसे आते होगे। इस पर बच्चे ने कहा कि हॉफ डे है। कुछ बच्चों ने नाश्ता नहीं मिलने की बात कही जिस पर मंत्री ने नाराजगी जाहिर की।

मंत्री ने निरीक्षण की शुरूआत चमड़ा मिल स्थित आदर्श आंगनबाड़ी से की। यहां पर बच्चों के लिए नाश्ते में उपमा था। मंत्री ने उपमा टेस्ट करने के बाद कहा कि बड़ों के लिए तो ठीक है, लेकिन बच्चों के लिए इसमें मटर, बटर और हरी सब्जी डालो तभी तो खाएंगे। मंत्री ने यहां महिला बाल विकास अधिकारियों से कहा कि रविवार को प्रभारी मंत्री आ रहे हैं, उस दौरान खाली पड़े सामुदायिक केन्द्रों को आंगनबाड़ी के लिए देने की बात करेंगे।

थाटीपुर एनआरसी पहुंचकर मंत्री ने कुपोषित बच्चों की जानकारी ली। 12 माह की आफरिन के हालचाल की जानकारी ली। डॉक्टर ने बताया कि किडनी में दिक्कत है, जिसके लिए तीन बार भर्ती भी किया जा चुका है। मंत्री ने पूछा केआरएच के एसएमसीयू में बच्चों को पोषण आहार देते हैं, लेकिन मां को नहीं ऐसा क्यों? अधिकारियों ने कहा कि एनआरसी में व्यवस्था है, केआरएच में नियम में नहीं है।

मंत्री ने वनखंडेश्वर नगर स्थित शिशु गृह, बाल संप्रेक्षण गृह एवं महलगांव स्थित मातृछाया का भी निरीक्षण किया। मातृछाया में बच्चों को गोद में लेकर दुलार किया, यहां 4 बच्चों के होने की जानकारी दी गई।

जेएएच परिसर में बने वन स्टॉप सेंटर में जब मंत्री पहुंचीं तो यहां प्रभारी उर्मिला यादव मौजूद नहीं मिलीं। इस पर अधिकारियों ने नाराजगी जाहिर की। यहां पर लड़कियों एवं महिलाओं से अकेले में मंत्री ने चर्चा की है। इसके बाद मंत्री अल्पकालीन महिला आवास गृह पहुंचीं। यहां महिलाओं ने एक सहायिका के सही बर्ताव नहीं करने की शिकायत की है। जिसको लेकर मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया है।

मंत्री के निरीक्षण की जानकारी पहले से महिला बाल विकास अधिकारियों को थी। सुबह 10 बजे मंत्री गांधी रोड सर्किट हाउस पहुंच गईं, पौने ग्यारह के बाद निरीक्षण शुरू हुआ। अफसर केवल आदर्श आंगनबाड़ी दिखाने ले गए, किसी गली में संचालित आंगनबाड़ी नहीं दिखाई। पहले से व्यवस्थाएं दुरूस्त होने के कारण सबकुछ ठीक ठाक ही मिला। हालांकि पोषण आहार को लेकर मंत्री असंतुष्ट दिखाई दीं।

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