अगले सत्र में 20 जिलों के स्कूली बच्चे पहनेंगे खादी!

 
लखनऊ

सियासत की 'ब्रैंड ऐंबैसडर' बनी खादी जल्द अपनी 'पहचान' बदलेगी। अगले सत्र से उत्तर प्रदेश के 20 जिलों के प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को योगी सरकार खादी पहनाने की तैयारी कर रही है। फिलहाल, मौजूदा सत्र में 4 जिलों के 7 ब्लॉकों में इसे पॉयलट प्रॉजेक्ट के तौर पर इस सत्र में लागू किया गया है। सरकार की नजर इसके जरिए खादी विभाग की आर्थिक तस्वीर बदलकर ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने पर भी है। 
 
सरकार प्रदेश के प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 1.75 करोड़ बच्चों को हर साल दो सेट स्कूल यूनिफार्म उपलब्ध करवाती है। हर सेट के लिए सरकार 300 रुपये का भुगतान करती है। मौजूदा प्रक्रिया के तहत स्कूल के हेड मास्टर स्थानीय स्तर पर कोटेशन लेकर बच्चों की यूनिफॉर्म मंगवाते हैं। इस बार पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर 4 जिलों के 6 ब्लॉक में बेसिक शिक्षा विभाग ने खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड को यूनिफॉर्म सप्लाई की जिम्मेदारी सौंपी है। 

इसमें लखनऊ का मोहनलालगंज, सीतापुर का सिधौली, मीरजापुर का छानबे, बहराइच का मटेरा, महसी और विश्वेश्वरगंज ब्लॉक शामिल है। पिछले दिनों खादी विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने इसका प्रजेंटेशन किया गया था। सीएम ने कहा था कि व्यापक स्तर पर बच्चों को अगर खादी विभाग यूनिफॉर्म उपलब्ध करवाए तो इससे जहां अच्छी गुणवत्ता की यूनिफॉर्म बच्चों को मिलेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। 

1.25 लाख से अधिक को मिलेगा रोजगार 
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस सत्र में महज 6 ब्लॉक में यूनिफॉर्म सप्लाई का काम लेने पर ही करीब 15 हजार लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है। अगले सत्र में 20 जिलों में इस पहल को आगे बढ़ाने की तैयारी है। एक जिले में औसतन दो से सवा दो लाख बच्चों को दो सेट यूनिफॉर्म दी जाती है। इस तरह 20 जिलों में 40 से 45 लाख बच्चों को अगले सत्र में दो सेट यानी 80 से 90 लाख यूनिफॉर्म की आपूर्ति होगी। इससे 1.25 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। 

खादी ग्रामोद्योग और यूपी हैंडलूम की सुधरेगी हालत
यूनिफॉर्म के लिए जो कपड़े का मानक तय किया गया है, उसके अनुसार इसमें 67 प्रतिशत कॉटन और 33 प्रतिशत पॉलिस्टर का इस्तेमाल होगा। सीएम ने समीक्षा बैठक के दौरान यह भी सुझाव दिया कि कपड़ों की आपूर्ति के लिए यूपी हैंडलूम का भी सहयोग लिया जा सकता है। इससे घाटे में चल रहे इस उपक्रम की भी दशा सुधर सकेगी। सूत्रों के अनुसार योगी सरकार यूपी इंडस्ट्रियल को-ऑपरेटिव असोसिएशन लिमिटेड (यूपिका) व यूपी हैंडलूम का खादी ग्रामोद्योग में विलय करने की तैयारी है। सीएम ने समीक्षा बैठक के दौरान इनकी बंद बड़ी परिसंपत्तियों का खादी विभाग को इस्तेमाल करने का निर्देश भी जारी कर दिया था। 
 

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