अंबानी पर है हजारों करोड़ का कर्ज

नई दिल्ली
एशिया के सबसे अमीर उद्योगपति (Richest Industrialist) मुकेश अंबानी (Mukesh ambani) की अगुवायी वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Limited) अभी भले ही अपने 1.61 लाख करोड़ रुपए के भारी-भरकम कर्ज (Debt) को चुकाने के करीब पहुंच गई हो, लेकिन अभी भी उनके माथे पर हजारों करोड़ रुपये का बोझ है। हालांकि, इतनी बड़ी कंपनी के लिए कर्ज की बची रकम भले ही छोटी लगे, लेकिन कर्ज छोटा हो या बड़ा, माथे का बोझ तो होता ही है।

अभी भी हजारों करोड़ रुपये का कर्ज
जानकारी के अनुसार बीते 31 मार्च को कंपनी (Reliance) पर कुल 3,36,294 रुपये का कर्ज था जबकि उसके पास 1,75,259 करोड़ रुपये की नकदी थी। मतलब कि, बीते वित्त वर्ष की समाप्ति पर कंपनी के ऊपर 1,61,035 करोड़ रुपये का शुद्ध ऋण भार या कर्ज था। बीते 6 सप्ताह के दौरान निवेश से आई 92,202 करोड़ रुपये की रकम और राइट्स इश्यू से मिली 53,125 करोड़ रुपये की रकम से कर्ज चुका दिया जाए तो भी कंपनी के माथे पर 15,708 करोड़ रुपये का कर्ज बचेगा।

6 सप्ताह में 7 निवेश
कोरोना चुनौती के बीच मुकेश अंबानी की जियो प्लेटफॉर्म्स का निवेश जलवा जारी रहा और 45 दिनों में ही 7 निवेश प्रस्ताव के जरिये जियो प्लेटफॉर्म्स में कुल 92,202.15 करोड़ रु का निवेश मिला। इस राशि के बदले विभिन्न निवेशकों ने कंपनी में 19.90 फीसदी की इक्विटी ली है।

बीते 22 अप्रैल से शुरू हुआ था निवेश का किस्सा
जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश 22 अप्रैल को फेसबुक से शुरू हुआ था। उसके बाद सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी, जनरल अटलांटिक और केकेआर ने निवेश किया। शुक्रवार को पहले यूएई की मुबाडला और फिर कुछ घंटों बाद अमेरिका की सिल्वर लेक ने अतिरिक्त निवेश किया। दोनों ने मिलकर जियो प्लेटफॉर्म्स में 24 घंटों के भीतर 13640.40 करोड़ का निवेश कर डाला।

राइट्स इश्यू से मिले 53,125 करोड़ रुपये
बीते 3 जून को बंद हुए रिलायंस के राइट्स इश्यू को निवेशकों को तगड़ा रिस्पांस मिला था। 53,124.20 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू को 1.59 गुना अभिदान मिला था। उल्लेखनीय है कि यह भारत का सबसे बड़ा राइट्स इश्यू था। अगर दुनिया के हिसाब से देखा जाए तो किसी भी नॉन फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन का पिछले 10 सालों में सबसे बड़ा राइट्स इश्यू था।

 

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