राष्ट्रपति से लेकर इन वीवीआईपी की कारों पर नहीं होती नंबर प्लेट…

नई दिल्ली
अक्सर आपने देखा होगा कि भारत में आपको प्रत्येक गाड़ी पर नंबर प्लेट नजर आएगी। गाड़ी को बिना रजिस्ट्रेशन नंबर के चलाने पर आपकी गाड़ी का चालान या पुलिस गाडी जब्त कर लेती है। लेकिन क्या आप जानते है कि देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यों के राज्यपाल सहित कई वीवीआईपी की कारों पर रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट आपने नहीं देखी होगी। 

यहीं नहीं विदेश मंत्रालय के अनुसार उनके पास 14 ऐसी गाडिय़ां हैं, जिन पर नंबर प्लेट नहीं लगी है। क्या आपने कभी गौर किया है कि ऐसा क्यों होता है। दरअसल इसके पीछे एक नहीं बल्कि कई कारण है। लेकिन इससे पहले जानते हैं आखिर गाडिय़ों के रजिस्ट्रेशन को लेकर कानून क्या कहता है, आइए जानते है।

रजिस्ट्रेशन का सीधे शब्दों में अर्थ यह है कि किसी गाड़ी को सडक़ पर चलने देने की अनुमति देने के लिए सरकार की तरफ से एक रजिस्ट्रेशन नंबर का सर्टिफिकेट दिया जाता है। इसे ही आरसी या सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन कहा जाता है। इस रजिस्ट्रेशन का नंबर ही आपकी गाड़ी का नंबर कहलाता है, जो दिल्ली में डीएल, चंडीगढ़ में सीएच, उत्तर प्रदेश में यूपी, उत्तराखंड में यूके, राजस्थान में आरजे और गुजरात में जीआर से शुरू होता है। 

बता दे, किसी भी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन 15 साल के लिए होता है। इसके बाद यह रजिस्ट्रेशन स्वत: खत्म हो जाता है, हालांकि अगर गाड़ी अच्छी स्थिति में है और सारे टेस्ट पास कर लेती है तो रजिस्ट्रेशन को 5-5 साल के लिए रिन्यू भी किया जा सकता है। 

रजिस्ट्रेशन नंबर के बिना किसी भी गाड़ी को सडक़ पर चलने की अनुमति नहीं दी जाती है। रजिस्ट्रेशन नंबर आपकी गाड़ी पर साफ-साफ और उचित तरीके से अंकित होना चाहिए। यही नहीं गाड़ी चलाते वक्त आपके पास उसकी आरसी होना भी जरूरी होता है।

अक्सर आपने देखा होगा की भारत में देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यों के राज्यपाल और कई अन्य वीवीआईपी की कारों पर नंबर प्लेट नहीं होती है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक विदेश मंत्रालय के पास भी ऐसी कारें हैं, जो बिना रजिस्ट्रेशन प्लेट के चलाई जाती हैं।  

आमतौर पर इन कारों का इस्तेमाल विदेशी महमानों को लाने और ले जाने के लिए होता है और उन्हें इन्हीं कारों में बैठाकर घुमाया भी जाता है। 

भारत में एक ओर जहां वीवीआईपी कल्चर खत्म करने के लिए गाडिय़ों से लालबत्ती को हटाया गया तो वहीं भारत में अब भी ब्रिटिशों द्वारा बनाया गया यह नियम मान्य हैं।यही वजह है कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यों के राज्यपाल और कई वीवीआईपी कारों पर रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट नहीं होती। वैसे माना ये भी जाता रहा है कि सुरक्षा के लिहाज से वीवीआईपी की कारों पर नंबर प्लेट नहीं होती है।

इन कारों पर आपको नंबर प्लेट की जगह सिर्फ अशोक स्तंभ बना हुआ नजर आएगा। वैसे सरकार अब इस विषय पर विचार कर रही है। 

वीवीआईपी कल्चर को पूरी तरह से खत्म करने के लिए अब इन कारों पर भी नंबर प्लेट लाने का विचार किया जा रहा है।

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